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ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां… चंद्रशेखर पर रोहिणी का बड़ा आरोप

नगीना से सांसद चंद्रशेखर और पीएचडी स्कॉलर डॉक्टर रोहिणी का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। एक बार फिर सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने फिर चौंकाने वाला खुलासा किया है। कहा कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया। ना कभी कोई झूठ बोलती हूँ। जानिए क्या है पूरी कहानी?

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Bijnor

चंद्रशेखर और रोहिणी फोटो सोर्स पत्रिका

इंदौर की पीएचडी शोधार्थी डॉ. रोहिणी घावरी ने एक बार फिर नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा कि ऐसी कोई जगह नहीं थी। जहाँ मैंने ईमानदारी से इनका साथ नहीं निभाया। बस फ़र्क़ इतना है। कि पहले वो संघर्ष कर रहे थे। अब वो सफल है। लेकिन सफल चंद्रशेखर इतना बुरा होगा मैंने कभी सोचा नहीं था।

उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद के खिलाफ इंदौर की पीएचडी शोधकर्ता डॉ. रोहिणी घावरी ने नए आरोप और सबूत सार्वजनिक किए हैं। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया ना कभी कोई झूठ बोलती हूँ। फिलहाल दोनों के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है।

रोहिणी ने बुधवार को अपने X (पूर्व में Twitter) अकाउंट पर पोस्ट डालकर चंद्रशेखर के सफल होने में अपनी मेहनत और और अब के दर्द को साझा करते हुए लिखा कि ऐसी कोई जगह नहीं थी। जहाँ मैंने ईमानदारी से साथ नहीं निभाया। बस फ़र्क़ इतना है। पहले वो संघर्ष कर रहे थे। अब वो सफल है। पूरी पार्टी संगठन के फ़ैसले सिर्फ़ हम दोनों मिल कर लेते किसी को कोई ख़बर नहीं होती। मुझे कहा पता था। जिसको बनाने में इतनी मेहनत कर रही हूँ। वही धोखेबाज़ निकलेगा। संघर्ष कर रहा चंद्रशेखर ही ठीक था। सफल चंद्रशेखर इतना बुरा होगा मैंने सोचा नहीं था। फिर अपनी पोस्ट के नीचे एक नोट लिखते हुए कहां कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया ना कभी कोई झूठ बोलती।

कुछ लोग अपनी महत्वाकांक्षा के लिए किसी की जिंदगी बर्बाद कर देते

पहले पोस्ट में रोहिणी ने कहा कि कुछ लोग अपनी महत्वाकांक्षा के लिए किसी की ज़िंदगी बर्बाद कर देते हैं। और यदि कानूनी व्यवस्था ऐसी हरकतों को दंडित नहीं करेगी। तो उन्हें स्वयं सजा दिलाने का दावा भी किया। इसी पोस्ट के साथ उन्होंने सांसद के साथ हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। जिनमें समय के साथ दिए गए बयानों में बदलाव दिखाई देता है। चुनाव से पहले तारीफ-ओ-इज़हार और बाद में अनदेखा करने जैसा रुख, डॉ. घावरी ने बताया है। दूसरे स्क्रीनशॉट में सांसद द्वारा मेसेज और न उठाए गए कॉलों को दिखाया गया है। आरोप है कि संदेशों में घबराहट, माफी और बातचीत की अपील के साथ-साथ दबाव वाली भाषा भी नज़र आती है। रोहिणी का कहना है कि सांसद ने किसी ऑनलाइन समूह में अलगाव और माफी जताते हुए भी संदेश भेजे थे।

आखिर कौन उसकी रक्षा कर रहा

दूसरे पोस्ट में रोहिणी ने व्यवस्था पर तीखा सवाल उठाया कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि कैसे कानून की सीमाओं को चुनौती दे रहा है। वह किस वजह से सुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने पूछा कि आखिर कौन उसकी रक्षा कर रहा है। क्योंकि अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। रोहिणी के दावों के बाद राजनीतिक और कानूनी हलकों में हलचल तेज़ है। घटना की सत्यता और आगे की कार्रवाई के बारे में अभी आधिकारिक बयान या पुलिस रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। दोनों पक्षों के बयान आने पर ही मामले की दिशा साफ़ होगी।

डॉक्टर रोहणी ने अपने पोस्ट में क्या लिखा आप भी जान लीजिए

इस हद्द तक मुझे पहुँचा दिया की दो ही रास्ते बचे या तो मर जाऊ या लड़ जाऊ !! मैंने लड़ना चुना क्योंकि मेरे मरने से लोग इसे सही और मुझे ग़लत समझेंगे !! इस आदमी ने मेरी मासूमियत छीन ली। और देखो जिस उम्र में मुझे शादी कर के ख़ुश रहना था। उस उम्र में मैं इंसाफ़ की लड़ाई लड़ रही हूँ। इसके नाम पर इतना बदनाम हुई की अब पूरी ज़िंदगी अविवाहित रहूँगी। मेरा भी सपना था दुल्हन बनने का लेकिन अब सब ख़त्म हो गया।

दो बार करने की कोशिश कर चुकी हूँ

एक ग़लत आदमी औरत की पूरी जवानी बर्बाद कर देता है। डिप्रेशन ट्रॉमा तकलीफ़ मैंने अकेले यहाँ विदेश में बर्दास्त की है। दो बार मरने की कोशिश कर चुकी हूँ। लेकिन जब ख़याल आता है। मेरे माँ बाप यह सदमा कैसे बर्दास्त करेंगे। उनकी क्या गलती है। तो ख़ुद रोक लिया।

इस पर भरोसा करके अपने चरित्र पर दाग लगा लिया

इस आदमी का मैने क्या बिगाड़ा था। लेकिन मेरी तो पूरी दुनिया ही उजड़ गई। बचपन से बेदाग़ छवि में रही और देखो इस पर भरोसा कर के अपने चरित्र पर दाग लगा लिया। आज लोग कितना अपमान करते है मेरा ।। जब तक चुप चाप सह रही थी। यह खूब अपनी अय्याशी दिखा रहा था। इसका क्या बिगाड़ा। लेकिन जब से लड़ना शुरू किया तो बौखला गया।

जिस तकलीफ़ की मैं हकदार नहीं थी वही मुझे दिया

जिस तकलीफ़ की मैं हकदार नहीं थी। वही मुझे दिया। मैंने क्या बिगाड़ा था। इसका जो इसने यह सब किया। मैं तो इसको मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री तक बनने के सपने देखती थी। इसको बनने में मेहनत कर रही थी। जब तक चुप चाप सह रही थी। यह खूब अपनी अय्याशी दिखा रहा था।

1 अक्टूबर की पोस्ट में क्या लिखा उसे भी जान लीजिए

ऐसी कोई जगह नहीं थी जहाँ मैंने ईमानदारी से साथ नहीं निभाया बस फ़र्क़ इतना है। पहले वो संघर्ष कर रहे थे अब वो सफल है ! पूरी पार्टी संगठन के फ़ैसले सिर्फ़ हम दोनों मिल कर लेते किसी को कोई ख़बर नहीं होती !
मुझे कहा पता था जिसको बनाने में इतनी मेहनत कर रही हूँ वही धोखेबाज़ निकलेगा। संघर्ष कर रहा चंद्रशेखर ही ठीक था सफल चंद्रशेखर इतना बुरा होगा मैंने सोचा नहीं था। आगे कहा कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया ना कभी कोई झूठ बोलती !!