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जीजीयू के छात्र की मौत मामला… 5 दिन बाद भी FIR नहीं, दिल्ली और रायपुर मंत्रालय से रखी जा रही नजर

Bilaspur News: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र की लाश तालाब में मिलने के बाद एक और राजनीति गरमा गई है। आए दिन एनएसयूआई, एबीपीपी जैसे छात्र संगठन प्रदर्शन कर जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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जीजीयू (Photo source- Patrika)

जीजीयू (Photo source- Patrika)

Bilaspur News: गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र की लाश तालाब में मिलने के बाद एक और राजनीति गरमा गई है। आए दिन एनएसयूआई, एबीपीपी जैसे छात्र संगठन प्रदर्शन कर जांच और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं लाश मिलने के पांच दिन बाद भी मामले में एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है।

कांग्रेस कमेटी और छात्रों की मांग पर एसएसपी रजनेश सिंह ने कोतवाली सीएसपी गगन कुमार, कोनी प्रभारी टीआई रविंद्र अनंत सहित 3 सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। लेकिन 10 माह पहले पदोन्नत हुए कोनी के कांस्टेबल रमेश पटनाया को विवेचना अधिकारी बना दिया गया है। पीएम, पंचनामा और संबंधित दस्तावेजों में केवल उनके ही हस्ताक्षर हैं।

इसका एक मुख्य कारण आईपीएस गगन कुमार प्रशिक्षु हैं और कभी भी दूसरी जगह जा सकते हैं। वहीं प्रभारी टीआई रविंद्र अनंत भी कोनी टीआई के आते ही हट जाएंगे, ऐसे में इस केस में विवेचना अधिकारी बनकर कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने से बचने के लिए कोनी के कांस्टेबल को विवेचना की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। अनुभव की कमी और बड़े मामले होने के कारण मामले की जांच तेजी से नहीं हो पा रही है।

दिल्ली और रायपुर मंत्रालय से रखी जा रही नजर

सेंट्रल यूनिवर्सिटी का मामला होने के कारण केस से जुड़े अधिकारियों के पास अब दिल्ली और रायपुर मंत्रालय तक से फोन आने लगे हैं। जिस छात्र का शव मिला है, वह बिहार राज्य का मूल निवासी था। ऐसे में बिहार चुनाव के कारण भी मामला हाई प्रोफाइल बन गया है। ऐसे में अफसर भी अंदर की जानकारी देने से बच रहे हैं। इधर एमबीवीपी व एनएसयूआई के छात्र मामले को दबाने के आरोप लगा रहे हैं।

दस्तावेजों में भले ही हेड कॉस्टेबल के हस्ताक्षर हो रहे हैं, लेकिन सीएससी व उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर मामले की जांच की जा रही है। अब तक मामले में एफआईआर नहीं हुई है। बिसरा व अन्य जांच फोरेंसिक विशेषज्ञ कर रहे हैं, रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - रविंद्र अनंत, प्रभारी टीआई कोनी।


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