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21 किलोमीटर लंबी टनल का होगा निर्माण, ब्रह्माणी और चंबल से बनास नदी को जोड़ेंगे

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को नदियों से जोडने की इच्छा क्षेत्र में अब जल्द पूरी होने वाली है। नदियों में बारिश का व्यर्थ बहने वाले पानी को बांधों व नदियों में सुरक्षित करने व उसका उपयोग किसान व जनहित में करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा ब्रह्माणी नदी, चंबल नदी से बनास नदी बीसलपुर में पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर पर कार्य शुरू कर दिया गया है।

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21 किलोमीटर लंबी टनल का होगा निर्माण, ब्रह्माणी और चंबल से बनास नदी को जोड़ेंगे

गरड़दा बांध

हिण्डोली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदियों को नदियों से जोडने की इच्छा क्षेत्र में अब जल्द पूरी होने वाली है। नदियों में बारिश का व्यर्थ बहने वाले पानी को बांधों व नदियों में सुरक्षित करने व उसका उपयोग किसान व जनहित में करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा ब्रह्माणी नदी, चंबल नदी से बनास नदी बीसलपुर में पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर पर कार्य शुरू कर दिया गया है। सब कुछ सही रहा तो डीपीआर इसी माह तैयार हो जाएगी। जिले के लिए अच्छी खबर यह है कि जिले का सबसे बड़ा गुढ़ा बांध, गरड़दा व अभयपुरा बांध को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा।
बारिश के दिनों में अधिक पानी आने से नदी पर बने बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की जाती है, जिससे पानी व्यर्थ ही बह रहा है। इस पानी के उपयोग के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ब्रह्माणी नदी के पास बन रहे बैराज से पानी बीसलपुर बांध तक ले जाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी डीपीआर अंतिम दौर पर है।

116 किलोमीटर लंबी बनेगी ओपन चैनल
विभाग जानकार सूत्रों के अनुसार ब्रह्माणी नदी से बीसलपुर बांध तक 116 किमी दूरी है, जिसमें 95 किमी ओपन चैनल का निर्माण होगा एवं
21 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जानी प्रस्तावित है। सबकुछ सही रहा तो जल्द ही इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने की संभावना रहेगी।

जिले के तीन बांध जुड़ेंगे
ब्रह्माणी, चंबल नदी से बनास को जोडऩे पर चल रहे कार्य में बूंदी जिले को भी सीधा लाभ मिलेगा। यहां पर गुढ़ा, गरड़दा व अभयपुरा बांध से गुजेरगी, जिससे तीनों बांधों को पानी मिलेगा।

5 करोड़ 30 लाख रुपए स्वीकृत
जल संसाधन विभाग द्वारा 5 करोड़ 30 लाख रुपए की डीपीआर स्वीकृति कर सर्वे का कार्य शुरू करवाया गया है, जो अंतिम दौर में है। सर्वे का कार्य वेबकोष नाम कंपनी कर रही है। जो निर्धारित समय में सौपैगी। सूत्रों का कहना है कि बारिश के दौरान कोटा बैराज से काफी मात्रा में पानी निकलकर व्यर्थ ही बह जाता है। इस पानी को डाइवर्ट करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ गुढ़ा बांध, गरडदा व अभयपुरा बांध को मिलेगा। इन बांधों में हमेशा पानी रहेगा, जिले का किसान समृद्ध होगा। उसके बाद इसका पानी जरूरत पडऩे पर आगे तक भी पहुंचाया जा सकता है। यह योजना भविष्य में पेयजल में काम आएगी।

इनका कहना है
ब्रह्माणी और चंबल नदी से बनास नदी को जोडऩे के लिए सर्वे का कार्य जारी है। सर्वे इसी माह में पूरा हो जाएगा। इस योजना से जिले के गुढ़ा बांध, गरडदा व अभयपुरा बांध को भी जोड़ा जाना प्रस्तावित है।
सुनील गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, जलसंसाधन विभाग कोटा।