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मोरड़ी की छतरी तक व कालदां के जंगलों में बाघों की मॉनिटरिंग के लिए बनेगा ट्रेक

प्राकृतिक जैवविविधता से समृद्ध बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन के प्राकृतिक सौंदर्य में यहां बनने वाले नगर वन की सौगात ओर जुड़ने वाली है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Nov 12, 2025

मोरड़ी की छतरी तक व कालदां के जंगलों में बाघों की मॉनिटरिंग के लिए बनेगा ट्रेक

गुढ़ानाथावतान. रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बूंदी टनल के बाहर का वन क्षेत्र जिसे नगर वन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

बूंदी. गुढ़ानाथावतान. प्राकृतिक जैवविविधता से समृद्ध बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन के प्राकृतिक सौंदर्य में यहां बनने वाले नगर वन की सौगात ओर जुड़ने वाली है।

वन विभाग ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग-52 स्थित टनल के पास 18 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नगर वन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत कांटी अस्तोली वन खण्ड में टनल के बाहर कोटा की ओर के बूंदी शहर के नजदीकी जंगल को चुना गया है। वन विभाग ने पूर्व में यहां नगर वन विकसित करने के प्रस्ताव भेजे थे। जिस पर कुछ संसोधन के बाद कार्यों को अंतिम रूप देकर विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। उमीद है कि जल्दी ही शहर के लोगों को घूमने के लिए शुद्ध प्राकृतिक वातावरण का नया ऑक्सीजोन मिलेगा।

मोरड़ी की छतरी व कालदां में बनेगा ट्रेक
वन विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के तहत बूंदी शहर के नजदीक मोरड़ी की छतरी तक वाकिंग ट्रेक बनाने का काम भी हाथ में लिया है, ताकि लोगों को बूंदी के ऐतिहासिक महत्व के स्थलों तक पंहुच आसान होगी। इससे पहले सूरज छतरी तक ट्रेक निर्माण किया जा चुका है,जो अब टाइगर रिजर्व में जोन नंबर 2 के रूप में पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इसी प्रकार बाघों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाला कालदां के जंगलों में ट्रेक बनाने सहित जिले में वानिकी विकास के एक दर्जन नए काम भी शुरू होने वाले हैं।

कराई जाएगी फेसिंग, हटेगी बिलायती बबूलें
शहर के नजदीक हाइवे पर टनल के पास बनने वाले नगर वन में बिलायती बबूलों को हटाकर जंगल विकसित किया जाएगा। यहां तार फेंसिंग, पाथवे, बोरिंग मय सोलर पंप, गॉर्ड चौकी, प्राकृतिक झोपड़ियां, सुविधाएं व फलदार व छायादार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि कोटा से जयपुर जाते समय टनल के दोनों तरफ यात्रियों का ध्यान जाता है। जहां विलायती बबूलों का जंगल दिखता है। अब यहां नगर वन विकसित किए जाने से यह क्षेत्र अब यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी आकर्षित करेगा।

कंक्रीट सीमेंट का नहीं होगा काम, प्राकृतिक होंगे वन
देशभर में करीब 400 शहरों में नगर वन विकसित किए जा रहे हैं जिसमें बूंदी का भी शामिल है। नगर वन में जैव विविधता पार्क, स्मृति वन, तितली संरक्षण केंद्र और हर्बल गार्डन जैसे घटक भी शामिल होंगे। राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण के कोष की वित्तीय सहायता से वर्ष 2027 तक देशभर में 1 हजार से ज्यादा नगर वन विकसित किए जाएंगे। इन नगर वनों को पूर्ण रूप से प्राकृतिक वातावरण के रूप में विकसित करने की योजना है और गिट्टी सीमेंट का काम नहीं होगा।

18 हेक्टेयर में करेंगे नगर वन विकसित
बूंदी शहर में टनल के पास 18 हेक्टेयर वन भूमि पर नगर वन विकसित करने, कालदां व मोरड़ी की छतरी तक ट्रेक निर्माण सहित अन्य वन संवर्धन कार्यों की टेंडर प्रक्रिया चल रही है। नगर वन बनने से शहर के नजदीक एक नया प्राकृतिक ऑक्सीजॉन मिल सकेगा।
देवेंद्र सिंह भाटी, उपवन संरक्षक, बूंदी