
तालाब
बूंदी. प्रदेश में मत्स्य पालन विभाग 23 सालों बाद फिर से तालाबों की जिम्मेदारी संभालेगा और ठेके भी करेगा। इससे पूर्व सिंचाई विभाग ही इन तालाबों की सुध लेता रहा, लेकिन सरकार ने अब मत्स्य पालन के होने वाले सभी ठेके विभाग को ही सौंप दिए। ऐसे में मत्स्य पालन की जिम्मे तालाबों की बागड़ोर रहेगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पांच लाख से अधिक के ठेके ही विभाग करता है, शेष ठेके पंचायत राज विभाग के माध्यम से होते थे। विभाग की ओर से अगले साल से सभी ठेके ऑनलाइन किए जाएंगे। प्रदेश के 2400 से अधिक जलाशयों में मत्स्य पालन हो रहा है। अधिकांश ऑफलाइन ही टेंडर होते है। वर्ष 2003 तक मत्स्य पालन ही तालाबों की जिम्मेदारी संभालता था, उसके बाद सरकार ने सभी तालाबों की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंप दी। ऐसे में सरकार ने फिर तालाबों के टेंडर की जिम्मेदारी मत्स्य पालन विभाग को दी गई है।
विभाग ने शुरू की तैयारी
मत्स्य पालन के पास तालाबों की जिम्मेदारी आने के बाद विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत राज से तालाबों की जानकारी, ठेकों की स्थिति आदि मंगवा रहा है। अगले वित्तीय वर्ष से सभी तालाबों एवं नदियों में मत्स्य पालन के ठेके विभाग के माध्यम से होंगे। विभाग की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके बाद विभाग की ओर से तालाबों की मैपिंग की जाएगी। फिर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ हो पाएगी।
एप से करना होगा रजिस्ट्रेशन
मत्स्य विभाग निदेशालय की ओर से जारी आदेशों के अनुसार जलाशयों में मत्स्याखेट अधिकारों को आगामी नीलामी प्रक्रिया एनइएमएल द्वारा बनाए गए विभाग के ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने से पहले बोलीदाताओं का पंजीयन उक्त पोर्टल पर करना आवश्यक होगा। इसके प्रश्चात प्रत्येक बोलीदाता को एक लॉगिन आईडी व पासवर्ड होगा। उन्हें एक पंजीयन संख्या का आवंटन किया जाएगा।
जिले में 6 तालाबों के नहीं हुए टेंडर
जिले में शामिल 39 तालाबों में से सिर्फ 6 के टेंडर नहीं हुए है। इनमें अभयपुरा, इंद्राणी, इंद्रगढ़ तालाब, मांगली व नार बालिया बासनी तालाब शामिल है।
जिले में 39 तालाब
जिले में विभाग के अधिन अब तक 39 तालाब है। इसमें ए कैटेगिरी के 27 व बी कैटेगिरी के 12 शामिल है। शेष की पंचायतों से जानकारी मांगी जा रही है। इस वर्ष 4500 मैट्िक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य मिला है, जिसके एवज में अब तक 1050 मैट्िक टन उत्पादन हो चुका है। प्रक्रिया जारी है। जबकि गत वर्ष यही लक्ष्य 4500 मैट्िक टन का लक्ष्य के मुकाबले विभाग ने 3950 मैट्कि टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया था। इससे विभाग को करीब 5 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।
टेंडर विभाग करेगा
पंचायत राज से हस्तान्तरित तालाबों को सरकार ने वापस मत्स्य विभाग को संभला दिया है। पंचायतों से डाटा मांगा जा रहा है। पहले सिर्फ ए क्लास के टेण्डर विभाग करता था। सरकार ने सभी तालाब विभाग को सौंप दिए हैं। अब उनके टेण्डर मत्स्य विभाग करेगा।
प्रवीण कुमार शर्मा, कार्यवाहक, मत्स्य विकास अधिकारी, बूंदी
Published on:
06 Nov 2025 10:38 am
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