
बूंदी. अहंकारी रावण का अहंकार एक बार फिर दशहरा पर खाक हुआ। शहर के कुंभा स्टेडियम मैदान पर गुरुवार रात को रावण के 55 फीट सहित कुंभकरण व मेघनाथ के 45-45 फीट पुतलों का दहन हुआ। चंद सेकंड में दशानन का अहंकार आग-धुएं में उड़ गया। रावण दहन देखने के लिए काफी संख्या में लोग उमड़े।
रावण दहन से पूर्व से भगवान श्रीराम की सवारी निकली। साथ ही आतिशबाजी से आकाश जगमगा उठा। कुंभा स्टेडिय़म मैदान पर रावण के आसपास बेरिकैड़्स लगाकर व्यवस्था की गई थी। जैसे ही प्रभुश्रीराम ने तीर का बाण छोड़ा जनसमूह के चेहरे खिल उठे। इसी तरह के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत की शुभकामनाओं का दौर शुरु हो गया। मैदान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। गली-मोहल्लों में छोटे-छोटे बच्चों ने भी रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया। जिलेभर में विजय दशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
शहर में शाम को नगर परिषद की आरे से बालचंद पाड़ा रामप्रकाश टॉकिज से श्रीराम भगवान की शोभायात्रा शुरू हुई, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए कुंभा स्टेडियम पहुंची। पूर्व विधायक अशोक डोगरा, सभापति सरोज अग्रवाल व कार्यवाहक आयुक्त धर्मेंंद मीणा ने पार्षदों के साथ श्रीराम को धनुष बाण सौंपे। इससे पूर्व पहले भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना कर लक्ष्मण,हनुमान को तिलक किया।
बड़ाखेड़ा.बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाला पर्व विजयादशमी क्षेत्र में परंपरागत रूप से मनाया गया। कस्बे के दशहरे मैदान में शाम को रावण दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ। ग्रामीणों ने दशहरे मैदान में सतरंगी आतिशबाजी का आनंद लिया। कस्बे में शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें वानर सेना व हनुमानजी आकर्षण का केंद्र रहे।
कापरेन. शहर सहित क्षेत्र में विजयादशमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नवरात्र पर मन्दिरों,धार्मिक स्थलों पर शुरू हुए नौ दिवसीय अखंड रामायण पाठ की पूर्णाहुति हुई और विधिवत रूप से पूजा अर्चना की गई। दोपहर बाद नृङ्क्षसह मन्दिर से शोभायात्रा निकाली गई। राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की सजीव झांकी सजाई गई और डीजे बेंडबाजो के साथ शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा नृङ्क्षसह मन्दिर से शुरू हुई जो शहर के मुख्य मार्गो चौमुखा बाजार, शक्ति चौराहा, अस्पताल चौराहा आदि मुख्य मार्गो से होते हुए देर शाम को रावण चौक पहुंची। पूजा अर्चना के बाद राम लक्ष्मण ,हनुमान ने तीर से तीस फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया। करीब एक मिनट में रावण का पुतला दहन हुआ। दशानंद का अंहकार धू धू कर जल उठा और कुछ ही पलों में अहंकार का पुतला राख हो गया। शहर में कई जगह लोगों ने रावण के पुतले का दहन किया। वहीं चरडाना,बलकासा, बालोद, अडीला आदि सभी गांवों में परंपरागत रूप से पूजा अर्चना के साथ।रावण के पुतले का दहन किया गया।
Published on:
03 Oct 2025 12:12 pm
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