
मार्केट में कम प्योरिटी वाली गोल्ड जूलरी की डिमांड बढ़ी है। (Gemini)
Gold Rate: सोने की कीमतें रोज नया रिकॉर्ड लेवल छू रही हैं। 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव 1,26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा पहुंचा है। वहीं, 22 कैरेट सोने का हाजिर भाव 1,23,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला गया है। ऐसे में लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो गया है। जिन परिवारों में आने वाले समय में शादियां होनी है, उनका बजट गड़बड़ा गया है। शादी के बजट का सबसे बड़ा हिस्सा जूलरी में ही जा रहा है। लेकिन अब लोग इस महंगे सोने का भी तोड़ निकाल रहे हैं।
आमतौर पर लोग 22 कैरेट सोने की गोल्ड जूलरी बनवाते हैं। लेकिन कीमतों में भारी उछाल के चलते अब 20, 18 या 14 कैरेट की गोल्ड जूलरी बनवाई जा रही है। यही नहीं, लोग 9 कैरेट की गोल्ड जूलरी भी खरीद रहे हैं। जुलाई 2025 में केंद्र सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड जूलरी को हॉलमार्क करने की मंजूरी दे दी थी। इससे यह भी 24K, 23K, 22K, 20K, 18K और 14K गोल्ड जूलरी की कैटेगरी में शामिल हो गया है। 9 कैरेट सोने में 37.5% शुद्ध सोना होता है और बाकी हिस्सा मिश्र धातुओं (एलॉय मेटल्स) से बना होता है। जेन जी और मिलेनियल्स किफायती जूलरी के रूप में 9K और 14K गोल्ड पसंद कर रहे हैं।
| कैरेट (Carat) | सोने की शुद्धता (%) | हॉलमार्क कोड (BIS) | मिलावट (%) |
|---|---|---|---|
| 24 कैरेट (24K) | 99.99% | 999 | 0% |
| 22 कैरेट (22K) | 91.67% | 916 | 8.33% |
| 18 कैरेट (18K) | 75% | 750 | 25% |
| 14 कैरेट (14K) | 58.5% | 585 | 41.5% |
| 9 कैरेट (9K) | 37.5% | 375 | 62.5% |
कम शुद्धता वाला यह सोना उन लोगों के लिए किफायती साबित हो रहा है, जिन्हें ज्यादा शुद्ध सोना खरीदना मुश्किल लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 9 कैरेट सोना अब निवेश के रूप में लोकप्रिय हो रहा है? धनतेरस और दिवाली के इस सीजन में क्या 9 कैरेट गोल्ड जूलरी खरीदना सही है? आइए जानते हैं।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कम्बोज ने बताया कि दमदार रिटर्न के चलते लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं। लेकिन कीमतें ज्यादा होने से अब वे 9 कैरेट के रूप में सस्ता सोना खरीद रहे हैं। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कम्बोज के हवाले से कहा गया, '24K सोने की कीमतें बहुत ऊंची होने की वजह से कम कैरेट का सोना लोगों को सस्ती एंट्री देता है। इसलिए कई खरीदार 14K या यहां तक कि 9K सोने को भी अपनाने के लिए तैयार हैं, ताकि वे गोल्ड एसेट क्लास में बने रह सकें।'
कई लोगों के मन में यह रहता है कि कम प्योरिटी वाला सोना सही नहीं है। लेकिन सोने की कम मात्रा का मतलब यह नहीं है कि वह घटिया सोना है। कम कैरेट के सोने का मतलब है कि उस जूलरी में सोने की मात्रा कम है। बल्कि कम कैरेट की गोल्ड जूलरी मजबूत होती है। इनक्रेड मनी के सीईओ विजय कुप्पा कहते हैं, 'अगर आपका उद्देश्य रोजमर्रा के पहनावे के लिए टिकाऊ और किफायती फैशन जूलरी खरीदना है, तो 9K या 14K सोना व्यावहारिक है, क्योंकि इसमें मिले हुए धातु इसे मजबूत बनाते हैं।' विजय ने आगे कहा, 'लेकिन अगर आपका लक्ष्य वेल्थ प्रिजर्वेशन या इन्वेस्टमेंट है, तो हमेशा हाई प्योरिटी वाला सोना चुनें, जो आमतौर पर जूलरी के लिए 22K और सिक्कों, बार्स या डिजिटल गोल्ड के लिए 24K होता है।'
IBJA के चेयरमैन पृथ्वीराज कोठारी कहते हैं, ''9 कैरेट सोना भारत में निवेश के लिए उपयुक्त नहीं है। यह सस्ता और टिकाऊ है, लेकिन इसमें सोने की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए इसका आंतरिक मूल्य सीमित है। 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड जूलरी और निवेश दोनों के लिए बेहतर विकल्प हैं। क्योंकि इनकी रीसेल प्राइस बाजार में सोने की कीमतों से सीधे जुड़ी होती है, जबकि 14 कैरेट और 9 कैरेट सोना मुख्य रूप से फैशन जूलरी के लिए होता है।”
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि 22 कैरेट से नीचे का सोना लाइफस्टाइल जोन में आ जाता है। 18 कैरेट या 9 कैरेट से बनी गोल्ड जूलरी पर्सनल एसेट होता है, इन्वेस्टमेंट नहीं। मेकिंग चार्ज, जीएसटी और प्योरिटी लॉस तीनों चीजों को ध्यान में रखें तो 9 कैरेट सोना जूलरी के हिसाब से ही ज्यादा उपयोगी लगता है। 9K गोल्ड में सोने की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए इसकी रीसेल वैल्यू मुख्य रूप से मेकिंग चार्ज पर निर्भर करती है, न कि बुलियन वैल्यू पर। वहीं, बेचने जाओ, तो 9 कैरेट गोल्ड अधिकतर ज्वैलर्स स्वीकार भी नहीं करते हैं। इसलिए निवेश के हिसाब से देख रहे हैं, तो बड़ी मात्रा में कम कैरेट वाला सोना खरीदने से बेहतर है कि थोड़ी मात्रा में अधिक कैरेट वाला गोल्ड खरीद लिया जाए।
Updated on:
16 Oct 2025 10:23 am
Published on:
15 Oct 2025 12:53 pm
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