
बिटकॉइन की कीमत 1 लाख डॉलर से नीचे आ गई है। (PC: Pexels)
Bitcoin Price: बिटकॉइन का भाव 1,00,000 डॉलर के नीचे फिसल गया है। अमेरिकी क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी 7.4% तक गिरकर पांच महीने के निचले स्तर $96,794 पर पहुंच गई है। यह एक महीने पहले के रिकॉर्ड हाई से 20% नीचे है। बिटकॉइन 6 अक्टूबर को $1,26,000 से ऊपर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था और 22 जून के बाद यह पहली बार है, जब यह $1,00,000 के स्तर से नीचे आया है। उस वक्त ईरान के परमाणु संयंत्र पर अमेरिकी हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया था।
बिटकॉइन में आई यह गिरावट क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में आए स्लोडाउन की वजह से है। निवेशकों ने इस जोखिम भरे निवेश से लगातार दूरी बनाना शुरू कर दिया है। दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती के झिझकते रुख के बीच निवेशक धीरे-धीरे जोखिम भरी संपत्तियों से दूर हो रहे हैं। क्योंकि इसके पहले अक्टूबर में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के करोड़ों डॉलर के निवेश को भी लिक्विडेशन की एक भयंकर लहर ने खत्म कर दिया था।
CNBC ने इस गिरावट का कारण आर्टिफशियल इंटेलीजेंस बेस्ड शेयर बाजार में तेजी को लेकर बढ़ती चिंताओं को बताया और कहा कि क्रिप्टो निवेशक तेजी से जोखिम वाली संपत्तियों से दूरी बना रहे हैं। चूँकि कई क्रिप्टो निवेशक AI-संबंधित टेक्नोलॉजी शेयरों में भी निवेश करते हैं, इसलिए क्रिप्टोकरेंसी और नैस्डैक अक्सर एक जैसे प्राइस मूवमेंट दिखाते हैं।
बिटकॉइन 2025 में नई ऊंचाई पर पहुंच गया था, क्योंकि ट्रंप ने सत्ता में आते ही कड़े रेगुलेटरी नियमों को हल्का करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने मीडिया समेत कई बड़ी कंपनियों की ओर से निवेश योजनाओं का ऐलान किया, जिसका असर ये हुआ कि बिटकॉइन ने कुछ हफ्तों में ही $110,000 और $120,000 के लेवल पार कर लिया। इतना ही नहीं, अमेरिकी सरकार ने अपना बिटकॉइन रिजर्व भी बनाया। ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने इशारा भी किया कि अगस्त तक संघीय भंडार कुल $15 से $20 बिलियन की संपत्ति का था।
लेकिन बावजूद इसके क्रिप्टो मार्केट के लिए चिंताएं पनप गईं और एक खराब माहौल बनने लगा। जिनमें बार-बार नए-नए अमेरिकी टैरिफ का ऐलान भी शामिल हैं। अक्टूबर की शुरुआत में ट्रंप की ओर से चीन से आने वाले सामानों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी के बाद क्रिप्टो मार्केट औंधे मुंह गिर गया, क्योंकि एक नए टैरिफ वॉर का खतरा पैदा हो गया था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले भी कीमतों में भारी गिरावट आई थी, जिसके चलते पिछले हफ्ते ब्याज दरों में एक चौथाई अंकों की और कटौती का फैसला हुआ।
Updated on:
05 Nov 2025 03:26 pm
Published on:
05 Nov 2025 03:20 pm
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