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एलन मस्क की xAI में 36 घंटे की नॉन-स्टॉप शिफ्ट! सोशल मीडिया बंटा, भारतीय मूल के xAI लीडर ने किया बचाव

xAI कर्मचारी की 36 घंटे बिना रुके काम करने वाली पोस्ट ने सिलिकॉन वैली के वर्क कल्चर पर नई बहस छेड़ दी है। भारतीय मूल के आयुष जायसवाल ने इस पोस्ट का बचाव करते हुए आलोचकों से कहा “आप असहमति रखें, हमें काम करने दें।”

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आयुष जायसवाल ने पहले भी कंपनी के वर्किंग कल्चर को लेकर बचाव किया है. PC: (X/@ayushjaiswal)

xAI : एलन मस्क (Elon Musk) की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनी xAI के एक कर्मचारी के एक पोस्ट ने बड़ी बड़ी टेक कंपनियों में वर्किंग कल्चर को लेकर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। 28 नवंबर को xAI में टेक्निकल स्टाफ के एक सदस्य पारसा ताजिक ने बताया कि उन्होंने बिना रुके लगभग 36 घंटे तक काम किया था।

ताजिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा "कल रात मैं बिना सोए लगभग 36 घंटे काम करने के बाद @xai ऑफिस से बाहर निकला। हालांकि मैं पूरी तरह थका हुआ था, लेकिन मैं सुपर एनर्जेटिक भी था। इस टीम का हिस्सा बनकर अविश्वसनीय रूप से आभारी हूं. हैप्पी थैंक्सगिविंग!"

इस पोस्ट का सोशल मीडिया पर आना था कि इसे लेकर ऑनलाइन आलोचनाएं शुरू हो गईं, जिसमें यूजर्स ने इसे भागदौड़ की संस्कृति का एक अस्वस्थ संकेत और एक अस्थिर कार्यस्थल नैतिकता कहा।

xAI के लीडर ने किया बचाव

वायरल हुई इस चर्चा पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय मूल के आयुष जायसवाल जो कि xAI में Grok टीम के लिए काम करते हैं, उन्होंने मज़ाकिया लहजे में इतनी लंबे वर्किंग आवर का समर्थन किया। जायसवाल ने लिखा, "वर्क लाइफ बैलेंस बहुत अच्छा है और वास्तव में हम इसका सुझाव अपने सभी कंपटीटर्स को देते हैं," वो आलोचकों को निशाना बनाते हुए आगे लिखते हैं, "इस पोस्ट से नाराज़ होने की जरूरत नहीं है, आप असहमति रखने और हमें काम करने देने के लिए आज़ाद हैं।"

इस कमेंट पर पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं, जिसमें कई लोगों ने टेक इंडस्ट्री में बर्नआउट को लेकर बढ़ती चिंताओं की ओर इशारा किया।

ऐसी बचाव वाली पोस्ट आयुष जायसवाल ने पहली बार नहीं की है, पहले भी कंपनी के वर्किंग कल्चर के बारे में वो ऐसा कर चुके हैं. X पर एक पिछली पोस्ट में, उन्होंने xAI को बहुत तेज़ गति वाला, लेकिन टॉक्सिक माहौल या ऑफिस पॉलिटिक्स से मुक्त बताया था।

जायसवाल ने तब कहा था कि यह माहौल "अविश्वसनीय रूप से तीव्र" है, जबकि इसमें "जीरो टॉक्सिक या राजनीति" है, जिसे उन्होंने सिलिकॉन वैली में एक अनोखा सकारात्मक माहौल बताया था।

ओरिजनल नहीं है जायसवाल का बयान

हालांकि जायसवाल ने अपनी पोस्ट में जो मजाक किया, वो नया नहीं है, यही मजाकिया बयान Zepto के सह-संस्थापक आदित पालिचा ने भी दिया था, जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था। 2024 में, पालिचा ने मज़ाक में कहा था कि वो वर्क लाइफ बैलेंस का पूरा समर्थन करते हैं, खासकर कंपटीशन के लिए. बाद में उन्होंने एक पॉडकास्ट में स्वीकार किया कि वो पोस्ट पीछे मुड़कर देखने पर "एक मूर्खतापूर्ण विचार" था।

इस पोस्ट ने एक बार फिर सिलिकॉन वैली के वर्किंग कल्चर पर लोगों का ध्यान खींचा है। यह देखना भी दिलचस्प है कि जब लोग गर्व से बताते हैं कि उन्होंने कितना लंबा काम किया, तो इंटरनेट पर लोग इस बात पर लगातार बंट जाते हैं। ऐसा ही कुछ यहां भी हुआ. कुछ लोग समर्थन में दिखे तो कुछ ने इसकी आलोचना भी की।