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Penny Stocks में पैसा लगाना चाह रहे तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना हो जाएगा बड़ा नुकसान

Penny Stocks: पेनी स्टॉक्स आमतौर पर छोटी कंपनियों के होते हैं। इनमें जोखिम काफी अधिक होता है। कभी भी निवेश की सारी रकम पेनी स्टॉक्स में नहीं लगानी चाहिए।

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Investment Tips

पेनी स्टॉक्स काफी रिस्की होते हैं। (PC: Pexels)

Investment Tips: शेयर बाजार के निवेशकों के बीच पेनी स्टॉक (Penny Stocks) अक्सर चर्चा का विषय रहते हैं। इसके वाजिब कारण भी हैं, पेनी स्टॉक सस्ते होते हैं और इनके एक ही झटके में बड़ी छलांग लगाने की संभावना रहती है। कई ऐसे पेनी स्टॉक्स हैं, जिन्होंने निवेशकों को रातोंरात अमीर बना दिया। हालांकि, जहां मुनाफे की संभावना अधिक होती है, वहां खतरा भी ज्यादा होता है। पेनी स्टॉक के साथ भी ऐसा ही है।

क्या आपको भी है रिस्क से इश्क?

पेनी स्टॉक्स आमतौर पर छोटी कंपनियों से जुड़े होते हैं। ये शेयर बेहद सस्ती कीमत में मिलते हैं, इसलिए लोग इनकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं। यदि पेनी स्टॉक पर आपका दांव सही पड़ा, तो बंपर कमाई। अन्यथा जो लगाया था, उसके भी वापस मिलने की संभावना नहीं रहती। उदाहरण के तौर पर Rolta India का शेयर आज दो रुपए से कम में मिल रहा है, जबकि किसी जमाने में यह निवेशकों का पसंदीदा बना हुआ था। कहने का मतलब है कि पेनी स्टॉक में आपकी मेहनत की कमाई डूबने का खतरा भी अधिक रहता है। हालांकि, अगर आप रिस्क से इश्क करने के आदि हैं, तो आपको कुछ बातें जानना बेहद जरूरी हैं।

सबसे पहले पूछें 'क्यों'

स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अभिषेक शुक्ला का कहना है कि वैसे तो पेनी स्टॉक में निवेश से बचना चाहिए, क्योंकि इनमें जोखिम काफी ज्यादा रहता है। लेकिन यदि आपने ऐसे स्टॉक्स में पैसा लगाने का मन बना ही लिया है, तो फिर इनसे जुड़ी बारीकियों की समझ बेहद जरूरी हो जाती है। शुक्ला के मुताबिक, किसी भी निवेश से पहले यह सवाल पूछें कि अगर कोई स्टॉक 1 या 2 रुपए पर मिल रहा है, तो ऐसा क्यों? इस 'क्यों' से आपको कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे। मसलन, कंपनी की आर्थिक सेहत कैसी है, उसका ऑर्डर फ्लो कैसा है, भविष्य में उसके लिए क्या संभावनाएं हैं, आदि।

इन बातों का रखें ख्याल

अभिषेक शुक्ला का कहना है कि यदि पेनी स्टॉक्स में पैसा लगाना ही है, तो ऐसे क्षेत्र की कंपनियां चुनें जिनका भविष्य उज्ज्वल है। उदाहरण के तौर पर AI, सोलर,EV और इंफ्रा। इसके बाद जिस कंपनी में निवेश करना है, उसकी पूरी जन्मकुंडली खंगालें। उसका बिजनेस कैसा है, तिमाही-दर-तिमाही उसका प्रॉफिट कितना रहा है, कंपनी का मार्केट कैप क्या है, उस पर लोन कितना है। इसके साथ ही यह जानना भी बेहद जरूरी है कि कंपनी के प्रमोटर के पास कितनी होल्डिंग है, उन्होंने अपनी होल्डिंग को गिरवी तो नहीं रखा है? शुक्ला का कहना है कि स्थापित कंपनियों के मामले में आमतौर पर प्रमोटर्स के पास 70% होल्डिंग अच्छी मानी जाती है। पेनी स्टॉक्स के मामले में इसका कम से कम 20% तो होना ही चाहिए।

RSI इंडिकेटर पर डालें नजर

मार्केट एक्सपर्ट शुक्ला ने कहा कि अगर किसी छोटी कंपनी की बैलेंसशीट लगातार मजबूत बनी हुई है। तीन या पांच सालों में इसकी प्रॉफिट ग्रोथ बढ़ी है, तो एक दांव खेला जा सकता है। शुक्ला ने कहा कि अगर किसी पेनी शेयर का RSI (Relative Strength Index) इंडिकेटर वीकली या मंथली चार्ट पर 60 से ऊपर ट्रेड करता है, तो उसके भविष्य में अच्छा करने की संभावना है। हालांकि, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बड़ी कंपनियों के मुकाबले पेनी स्टॉक्स में जोखिम हमेशा अधिक रहेगा।

(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी मात्र है। यह निवेश की सलाह नहीं है। कहीं भी पैसा लगाने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श लें।)