
पर्सनल लोन में कुछ परिस्थितियों में वन टाइम सेटलमेंट की सुविधा भी मिलती है। (PC: Freepik)
कई बार ऐसा होता है कि अचानक कोई वित्तीय संकट आ जाने से लोन की ईएमआई भरना मुश्किल हो जाता है। नौकरी छूट जाना, बिजनेस का सुस्त पड़ जाना या कोई मेडिकल इश्यू, वित्तीय संकट के पीछे कोई भी वजह हो सकती है। ऐसे में लोग कर्ज के जाल में फंसते चले जाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पर्सनल लोन कि ईएमआई भरने की स्थिति में नहीं होने पर आपको क्या करना चाहिए।
सबसे पहला कदम है कि आप अपने बैंक या एनबीएफसी को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करें। आप बैंक ब्रांच में जाकर या ईमेल/कस्टमर केयर के जरिए अपनी परिस्थिति बैंक को समझा सकते हैं। बैंक से EMI पेमेंट में कुछ समय की राहत मांगें और साफ-साफ बताएं कि आप कितने समय तक भुगतान करने में असमर्थ हैं। बैंक आपकी परिस्थितियों को देखते हुए अस्थायी राहत दे सकता है।
यदि आपका लोन बहुत ऊंची ब्याज दर पर चल रहा है और बाजार में किसी दूसरे बैंक में कम ब्याज दर मिल रही है, तो बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विकल्प है। नया बैंक कम ब्याज दर पर लोन प्रदान करेगा। आप उस रकम से अपना पुराना लोन चुकता कर सकते हैं। इसके बाद आपकी EMI कम हो जाएगी। अगर नए लोन की राशि थोड़ी अधिक मिलती है, तो उसका इस्तेमाल आप अपनी तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए भी कर सकते हैं। कई बैंक बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
अगर EMI भरना मुश्किल हो रहा है, तो बैंक से लोन रीस्ट्रक्चर करवाने का अनुरोध कर सकते हैं। इसमें EMI कम हो जाती है, लेकिन लोन की अवधि बढ़ जाती है। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है, जिन्हें अस्थायी रूप से कैश फ्लो की समस्या है और कुछ समय बाद EMI सामान्य रूप से भर पाएंगे।
EMI चुकाना बिल्कुल संभव नहीं हो रहा हो। बैंक की राहत के बाद भी स्थिति नहीं सुधर रही, तो बैंक One-Time Settlement का प्रस्ताव दे सकता है। इसमें बैंक आपके बकाया लोन का केवल 10 से 50% एकमुश्त भुगतान लेता है और शेष रकम माफ कर देता है। आमतौर पर सेटलमेंट की राशि चुकाने के लिए 7 दिन जैसी कम समय सीमा दी जाती है।
Published on:
23 Nov 2025 04:40 pm
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