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डंपरों के नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर रात के अंधेरे में बगैर रॉयल्टी के रेत परिवहन का बड़ा खेल

खनिज व परिवहन विभाग बना हुआ है मूक दर्शक, कोतवाली पुलिस ने पकड़ा ऐसा वाहन तब सामने आया मामला

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छिंदवाड़ा. शाम के बाद तेज रफ्तार में शहरी व अन्य क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रेत के डंपरों से सावधान रहे, बेलगाम दौड़ रहे इन डंपरों पर खनिज, परिवहन व पुलिस का नियंत्रण नहीं है। इन डंपरों की रफ्तार देखकर इस बात का अंदाजा हो ही जाता है कि इन डंपरों के संचालकों को किसी भी तरह का खौफ नहीं है। रात के अंधेरे में वर्तमान में नंबर प्लेट से छेड़छाड़ कर बगैर रायल्टी के रेत परिवहन का खेल चल रहा है। इस खेल में सबसे पहले तो डंपर के पीछे लिखे नंबर पर मिट्टी, गोबर, पेंट लगा दिया जाता है जिससे पीछा करने पर इन डंपरों का नंबर दिखाई नहीं देगा। तीन दिन पहले देर रात कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे ही डंपर को रोका था जो शहर में ही तेज रफ्तार से दौड़ रहा था, इसी दौरान जब पुलिस ने पीछा किया तो देखा कि डंपर के पीछे लिखे नंबर पर जानबूझकर गोबर लगाया गया है। शक होने पर उसे रोका गया तथा वाहन को कोतवाली थाना में खड़ा करवाया गया। पुलिस ने जांच में पाया कि नंबर प्लेट पर जानबूझकर गोबर लगाया गया था जिससे नंबर दिखाई नहीं दे, यह डंपर बगैर रायल्टी के संचालित हो रहा था।

कुछ डंपर मिले जिनके नंबर छिपाए गए


शासन ने पुलिस को खनिज वाहनों पर कार्रवाई को लेकर कुछ अधिकारी कम किए जिसके कारण पुलिस अकेले कार्रवाई नहीं करती है जिसका फायदा वर्तमान में रेत माफिया उठा रहे है। खनिज विभाग हमेशा लापता होता है और बगैर रायल्टी का खेल लगातार चलता है। पत्रिका ने कोतवाली पुलिस के पकड़े गए रेत से डंपर के बाद जब पड़ताल की तो यह सामने आया कि रेत से भरे शहर व बाहरी मार्गों से निकलने वाले डंपरों में रजिस्ट्रेशन नंबर स्पष्ट नहीं होते है तथा यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि नंबर प्लेट में लिखे नंबरों से छेड़छाड़ की जाती है। शहर में ही चल रहे निर्माण कार्यों में आ रही रेत के डंपरों पर जांच नहीं होती है बगैर नंबर व धुंधली नंबर प्लेट लगे डंपर आसानी से चल रहे है।

पूर्व में एक्सीडेंट के बाद जारी हो गई थी रायल्टी


पूर्व में खनिज विभाग की लापरवाही का एक मामला सामने आ चुका है, रेत से भरा डंपर ने नागपुर मार्ग पर लोगों को टक्कर मारी थी जिस हादसे में कुछ लोगों की मौत हुई थी। एक्सीडेंट के समय रेत से भरे डंपर की रायल्टी नहीं थी लेकिन मिलीभगत से एक्सीडेंट के कुछ देर बाद की रायल्टी सौंसर की खदान से छिंदवाड़ा की बना दी गई थी। हालांकि मामला सामने आने के बाद डंपर पर कार्रवाई हुई लेकिन मिलीभगत का चल रहा खेल जरूर उजागर हुआ था।

इनका कहना है।


परिवहन विभाग के नियमों की बात की जाए तो वाहनों में वैध नंबर प्लेट होना चाहिए तथा अगर किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई है तो वाहन जब्त कर चालानी कार्रवाई करने का नियम है। अगर ऐसे वाहन संचालित हो रहे है तो वाहनों की जांच कर वाहन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।


अनुराग शुक्ला, एआरटीओ, छिंदवाड़ा।

ऐसे वाहनों पर होगी कार्रवाई


डंपरों की नंबर प्लेट से अगर छेड़छाड़ कर परिवहन किया जा रहा है तो वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। रेत से भरे वाहन रात के समय शहर व अन्य मार्गों से तेज रफ्तार से गुजरते है। खनिज विभाग के साथ मिलकर ऐसे वाहनों पर चालानी कार्रवाई का अभियान चलाया जाएगा।


रामेश्वर चौबे, डीएसपी, यातायात

आपके माध्यम से मामले को संज्ञान में लाया गया है, एसडीएम व यातायात डीएसपी को निर्देशित किया जाएगा कि ऐसे वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाए।


धीरेंद्र सिंह, एडीएम, छिंदवाड़ा।