Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan News: नवंबर से बिजली का बिल मारेगा करंट, फिक्स चार्ज दोगुना, बैक डोर से 78% तक आर्थिक भार

राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को अगले माह से बिजली बिलों में बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है। घरेलू उपभोक्ताओं को मामूली राहत के साथ ही औद्योगिक वर्ग पर भारी शुल्क और सरचार्ज का बोझ डाला गया है।

2 min read
Google source verification

नवंबर से बिजली बिलों में शुल्क बढ़ोतरी, पत्रिका फोटो

Electricity bills hike from November: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को अगले माह से बिजली बिलों में बड़ी आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है। घरेलू उपभोक्ताओं को मामूली राहत के साथ ही औद्योगिक वर्ग पर भारी शुल्क और सरचार्ज का बोझ डाला गया है। बिजली के बिल अब अगले माह से झटका देने वाले हैं। कुछ राहत देने के साथ बैक डोर से बड़ा भार डाला जा रहा है। यह भार घरेलू से लेकर औद्योगिक श्रेणी पर भी देखने को मिलेगा। घरों में झटका थोड़ा कम लगेगा, लेकिन उद्योगों को बड़ा झटका लगेगा।

नए प्रावधानों के अनुसार 300 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने वाले उद्योगों के लिए स्थायी शुल्क 450 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए प्रति किलोवॉट कर दिया गया है, जो लगभग 78 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रति यूनिट 1 रुपए का रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया गया है, जो पहले शून्य था। उद्योगों को पूर्व में दी जा रही 1 रुपए प्रति यूनिट की लोड फैक्टर राहत भी समाप्त कर दी गई है। हालांकि बेसिक चार्ज में 65 पैसे प्रति यूनिट की कटौती की गई है पर अन्य शुल्कों में वृद्धि के कारण उद्योगो के लिए कुल विद्युत लागत में लगभग 2.50 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है। प्रति यूनिट दरों से लेकर स्थाई शुल्क के रूप में भार बढ़ने वाला है।

नए प्रावधान में 78 फीसदी तक वृ​द्धि

नए प्रावधानों के अनुसार 300 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने वाले उद्योगों के लिए स्थायी शुल्क 450 रुपए से बढ़ाकर 800 रुपए प्रति किलोवाट कर दिया गया है। जो लगभग 78 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रति यूनिट 1 रुपए का रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया गया है, जो पहले शून्य था। उद्योगों को पूर्व में दी जा रही 1 रुपए प्रति यूनिट की लोड फैक्टर राहत भी समाप्त कर दी गई है। स्मॉल इंडस्ट्री केटेगरी में 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग पर स्थाई शुल्क पहले 120 रुपए एचपी प्रतिमाह से बढ़ाकर 150 रुपए किया गया है। मध्यम उद्योग श्रेणी में प्रति यूनिट 7 रुपए से दर कम कर 6.50 रुपए किया गया है। 255 रुपए प्रति केवी बिलिंग डिमांड राशि से बढ़ाकर 275 रुपए किया गया है। वृहद उद्योग में 7.30 रुपए व 6.30 रुपए यूनिट का अलग-अलग टैरिफ था, जिसे एक समान 6.50 रुपए प्रति यूनिट किया गया है। लेकिन स्थाई शुल्क 300 रुपए प्रति केवी से बढ़ाकर 380 रुपए प्रति केवी प्रति माह किया गया है।

घरेलू बड़े उपभोग पर पड़ेगा भार

● 300 यूनिट बिजली उपभोग वालों पर कोई भार नहीं है।
● 500 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वालों को प्रति यूनिट 35 पैसे और 65 पैसे की छूट दी गई है। जबकि स्थाई शुल्क 400 प्रति कनेक्शन प्रति माह से बढा़कर 500 रुपए किया गया है।
● 500 यूनिट से ज्यादा उपभोग करने पर टैरिफ में 35 और 50 पैसे कम किए गए हैं लेकिन शुल्क 450 प्रति कनेक्शन से बढ़ाकर 800 रुपए किया गया है।
● रेगुलेटरी सरचार्ज के रूप में भी भार पड़ेगा। 100 यूनिट प्रतिमाह का उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं से 0.70 रुपए प्रति किलोवाट। इसके अलावा अन्य डोमेस्टिक व अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं से 1 रुपए प्रति किलोवाट तक रहेगा। यह रेगुलेटरी सरचार्ज फ्यूल व पावर परचेज का मिश्रण है।


बड़ी खबरें

View All

चित्तौड़गढ़

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग