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Rajasthan: ChatGPT से सीखा नकली नोट बनाने का तरीका, फिर ऑनलाइन आर्डर कर दिया सामान, ऐसे हुआ खुलासा

Chittorgarh News: पकड़े गए तीनों आरोपियों ने नकली नोट बनाने की तकनीक सोशल मीडिया और चैटजीपीटी ऐप से सीखी थी। नोट बनाने का सामान भी आरोपियों ने ऑनलाइन खरीदा था।

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FAKE NOTES

प्रतीकात्मक तस्वीर: पत्रिका

Fake Currency Making Case: चित्तौड़ कोतवाली थाना पुलिस की ओर से नकली नोट सहित पकड़े गए तीन आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया और चैटजीपीटी ऐप से उन्होंने नकली नोट बनाने की तकनीक सीखी थी।

अनुसंधान अधिकारी विजयपुर थाना प्रभारी प्रभुसिंह चुंडावत ने बताया कि चित्तौडग़ढ़ जिले में नकली बाजार में चलाने वाले गिरोह से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। पकड़े गए तीनों आरोपियों ने नकली नोट बनाने की तकनीक सोशल मीडिया और चैटजीपीटी ऐप से सीखी थी। नोट बनाने का सामान भी आरोपियों ने ऑनलाइन खरीदा था।

इस काम के लिए आरोपियों ने अपने ही गांव में एक और कमरा किराए पर लिया, जहां यह लोग नकली नोट बनाने का काम करते थे। आरोपियों की तलाशी लेने पर उनके पास कुल पन्द्रह हजार रुपए के 500-500 रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे।

गिरफ्तार आरोपी सारोला झालावाड़ निवासी आसिफ अली पुत्र नूर मोहम्मद, आदिल खान पुत्र अब्दुल गफूर और कैथून निवासी शाहनवाज पुत्र मंसूर अहमद ने पूछताछ में अनुसंधान अधिकारी चुंडावत को बताया कि झालावाड़ में उन्होंने अपने ही गांव के दूसरे मोहल्ले में किराए का कमरा लिया हुआ था।

उन्होंने मकान मालिक को यह कह रखा था कि वह ऑनलाइन कम्प्यूटर का काम करते हैं। जबकि हकीकत यह थी कि उसी कमरे में नकली नोट बनाने का काम चल रहा था। पुलिस ने मौके पर जाकर वहां से प्रिंटर, खास किस्म का पेपर, इंक, केमिकल, हरी टेप, सांचा और वाटरमार्क तैयार करने का लकड़ी का फ्रेम बरामद किया है।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने नकली नोट तैयार करने के लिए ज्यादातर सामान ऑनलाइन खरीदा था। नकली नोट चलाने के लिए आरोपी चित्तौडग़ढ़ शहर में पावटा चौक और उसके आसपास का इलाका चुनते थे।

यहां पर ठेले लगाने वाले, सब्जी बेचने वाले, बुजुर्ग और कम पढ़-लिखे लोगों को निशाना बनाते थे। आरोपी कभी भी अपने गांव या आसपास नकली नोट नहीं चलाते थे। इसके बजाय वे ऐसे इलाकों का चुनाव करते जहां भीड़-भाड़ हो और लोग उन्हें पहचान न पाए।