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IND vs SA: कोच के ‘आपत्तिजनक’ कमेन्ट पर नाराज़ हुआ ये दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज, कहा – कुछ बातें ऐसी होती…

डेल स्टेन ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही कॉनराड का लहजा वैसा नहीं था, जिसे इतिहास में इस शब्द के साथ जोड़ा गया है, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था।

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India vs South Africa 1st Test Day 3 Highlights

जसप्रीत बुमराह की गेंद लगने के बाद दर्द से कराहते रयान रिकेल्‍टन। (फोटो सोर्स: BCCI)

India vs South Africa 2nd Test: दक्षिण अफ्रीका के मुख्य कोच शुक्री कॉनराड ने भारत के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट के चौथे दिन की समाप्ति के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कहा, उसने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कॉनराड ने कहा, “हमारा इरादा यही था कि भारत को ज्यादा से ज्यादा समय मैदान पर बिताना पड़े। हम चाहते थे कि वे ग्रोवेल करें (घुटनों के बल गिड़गिड़ाएं) और हम मैच को उनकी पहुंच से पूरी तरह बाहर ले जाएं।”

अंग्रेजी का ‘grovel’ शब्द जैसे ही बाहर आया, विवाद शुरू हो गया। यह शब्द क्रिकेट के इतिहास में नस्लवादी संदर्भों से गहरे जुड़ा हुआ है। भारत के पूर्व दिग्गज अनिल कुंबले से लेकर चेतेश्वर पुजारा और दक्षिण अफ्रीका के ही महान तेज गेंदबाज डेल स्टेन तक ने कॉनराड के बयान को अनुचित और निराशाजनक बताया है।

डेल स्टेन ने साफ शब्दों में जताई असहमति

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने कोच के बयान से पूरी तरह किनारा कर लिया। उन्होंने कहा, "मैं उस बात से सहमत नहीं हूँ। मुझे वह अच्छा नहीं लगा। कुछ बातें ऐसी होती हैं जो कही ही नहीं जातीं। दक्षिण अफ्रीका पहले से ही मजबूत स्थिति में था; चुप रहना ही काफी था। शायद कॉनराड का लहजा टोनी ग्रेग जितना जहरीला नहीं था, लेकिन शब्द तो वही है। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल ही नहीं होना चाहिए। सॉरी शुक्री, लेकिन यह निराशाजनक है।"

अनिल कुंबले और पुजारा ने याद दिलाया इतिहास

अनिल कुंबले ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब आप विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की विजेता टीम के कोच हों और मैच में पूरी तरह हावी हों, तो विनम्रता दिखानी चाहिए। खेल ने आपका पक्ष ले लिया है; शब्दों से विवाद पैदा करने की जरूरत नहीं। उन्होंने 1976 के उस काले अध्याय की याद दिलाई जब इंग्लैंड के कप्तान टोनी ग्रेग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ यही शब्द इस्तेमाल किया था और फिर उनकी टीम 0-3 से बुरी तरह हार गई थी।

कुंबले ने आगे कहा, “जब आप शीर्ष पर होते हैं, आपके हर शब्द का वजन बढ़ जाता है। ऐसे में विनम्र रहना सबसे जरूरी होता है। कोच या सपोर्ट स्टाफ से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद नहीं की जाती। लगता है कॉनराड खुद हेडलाइन में आना चाहते थे।” चेतेश्वर पुजारा ने भी इसे नस्लवादी इतिहास को फिर से जीवित करने वाला बयान बताया और कड़ी आलोचना की। क्लाइव लॉयड ने बाद में कहा था, “यह शब्द किसी भी अश्वेत व्यक्ति का खून खौला देता है।” नतीजा यह हुआ कि वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को सीरीज में 3-0 से रौंद डाला। आखिरी टेस्ट में तो टोनी ग्रेग को मजाक में घुटनों पर बैठकर दर्शकों से माफी मांगनी पड़ी थी।