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दमोह में फिसड्डी रिजल्ट देने वाले स्कूलों पर फोकस, छह माही से ही बोर्ड परीक्षा की तैयारी

शिक्षकों को बदलना होना पढ़ाई का पैटर्न, उपस्थिति पर अभी भी स्कूलों में नहीं जोर, कार्ययोजना भी नहीं बनी

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दमोह

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Samved Jain

Nov 04, 2025

Half Yearly Exam

Half Yearly Exam

दमोह. हाई और हायर सेकेंडरी परीक्षा रिजल्ट में बीते साल प्रदेश में फिसड्डी का तमगा मिलने के बाद अब शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा के लिए कमर कसना शुरू कर दी है। छह माही परीक्षा के पहले से बोर्ड पैटर्न में तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही कम रिजल्ट देने वालें स्कूलों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। हालांकि, अभी भी स्कूलों में उपस्थिति तक पर जोर नहीं दिया जा रहा है। वहीं अधिकांश स्कूलों ने बोर्ड परीक्षा को लेकर तैयार की जाने वाली कार्ययोजना भी अभी तक तैयार नहीं की है। विदित हो कि बीते साल दमोह का हाईस्कूल में ५३.३८, हायर सेकेंडरी में ४८.५ रिजल्ट आया था।

छह माही में लगेगा फिल्टर, फिर होगी मेहनत
बोर्ड परीक्षा के पहले इस बार छह माही परीक्षा को बोर्ड पैटर्न पर आयोजित किया जाएगा। पूरी परीक्षा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी। नकल करते मिलने पर बच्चों और शिक्षकों पर कार्रवाई भी होगी। इस परीक्षा के जो रिजल्ट सामने आएंगे, उसके आधार बच्चों पर मेहनत की जाएगी। इसके लिए जो समय बचेगा, उसमें कमजोर बच्चों पर विशेष फोकस किया जाएगा। जिससे मुख्य परीक्षा से पहले बच्चों की कमजोरियों पर काम किया जा सके और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके।

स्कूलों ने तैयार नहीं की कार्ययोजना, जारी होंगे नोटिस
जिले के सभी शासकीय स्कूलों को ३१ अक्टूबर तक अपनी-अपनी कार्ययोजना जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करनी थी, लेकिन तय समय सीमा तक सिर्फ स्कूलों ने कार्ययोजना भी नहीं सौंपी है। ऐसे स्कूलों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। लापरवाही बरतने वाले प्राचार्यों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इतना ही नहीं स्कूलों में उपस्थिति में ६० प्रतिशत से अधिक नहीं जा रही है। कुछ स्कूलों में तो ४० प्रतिशत तक उपस्थिति बताई जा रही है।

शिक्षकों को इन बिंदुओं पर देना होगा विशेष ध्यान
1- दैनिक प्रश्न अभ्यास: प्रत्येक कक्षा की शुरुआत 5 महत्वपूर्ण प्रश्नों के मौखिक या लिखित अभ्यास से कराएं।
२- उत्तर लेखन पर फोकस: छात्रों को उत्तर लिखने का सही तरीका और मुख्य बिंदुओं को हाईलाइट करने की आदत डालें।
3- समय प्रबंधन: 3 घंटे के पेपर के हिसाब से हर प्रश्न के लिए समय बांटने की रणनीति बताएं।
4- ब्लैकबोर्ड सारांश: हर पाठ के अंत में ब्लैकबोर्ड पर संक्षेप नोट्स लिखवाकर दोहराव कराएं।
५- ग्रुप डिस्कशन: कठिन विषयों पर छोटे समूहों में चर्चा करवाकर आत्मविश्वास बढ़ाएं।
६- पुराने प्रश्नपत्रों का अभ्यास: पिछले 5 वर्षों के पेपर से संभावित प्रश्न तैयार कर हल करवाएं।
7- कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान: छात्रों की लिस्ट बनाएं और उन्हें अतिरिक्त समय दें।
8- प्रेरणात्मक वार्ता: परीक्षा भय कम करने के लिए मोटिवेशनल बातें और सफलता की कहानियां साझा करें।

वर्शन
छह माही परीक्षा से ही हमारी तैयारियां शुरू हो जाएगी। इसके लिए प्राचार्यों और शिक्षकों से कार्ययोजना मांगी गई है। जो अभी नहीं आई है। ऐसे प्राचार्यों को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। शिक्षकों को विशेष फोकस करने कहा गया है।
एसके नेमा, डीइओ दमोह