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DM को देखते ही फफक कर रोया मुसाफिर, आपबीती सुनकर कलेक्टर ने मांगी माफी

MP News: मध्य प्रदेश के दमोह का चौंकाने वाला मामला, कड़ाके की ठंड में डीएम ने किया औचक निरक्षण, रैन बसेरों की खुली पोल

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दमोह

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Sanjana Kumar

Dec 03, 2025

MP News Damoh

MP News Damoh: लाल घेरे में रोता मुसाफिर, बाएं- दमोह कलेक्टर। (फोटो: FB Video)

MP News: एमपी के दमोह जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब कलेक्टर सुधीर कोचर को देखते ही मुसाफिर युवक बिलख-बिलख कर रो पड़ा। रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर को सर्द रात में रैन बसेरों के बाहर बिलखते इन मुसाफिरों ने जब आप बीती सुनाई तो कलेक्टर भी इस हद तक परेशान हुए कि उन्होंने वहां एक मुसाफिर नहीं बल्कि, रैन बसेरों के बाहर सड़क पर ठिठुरते सभी मुसाफिरों से माफी मांगी।

यहां जानें पूरा मामला

दरअसल दमोह में एक अस्पताल में अपने परिजन का इलाज कराने आए एक व्यक्ति को कर्मचारियों ने सर्द रात में रैन बसेरे से उठाकर बाहर फेंक दिया। इस दौरान ही कलेक्टर सुधीर कोटर औचक निरीक्षण पर पहुंचे तो उन्हें देखते ही एक मुसाफिर उनके सामने बिलख-बिलख कर रो पड़ा। फफकते हुए अन्य मुसाफिरों ने भी कलेक्टर को आप बीती सुनाई कि किस तरह उन्हें रैन बसेरे में रहने नहीं दिया जा रहा है। आप बीती सुनते ही कलेक्टर ने सबसे पहले इन सभी मुसाफिरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। फिर एक्शन का आश्वासन भी दे दिया।

कर्मचारियों के निलंबन और सुविधा बेहतर बनाने का दिया आश्वासन

इस दौरान कलेक्टर ने माफी तो मांगी ही वहीं सभी को आश्वासन दिया कि इस तरह का काम करने वाले कर्मचारियों को बक्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ एक्शन लेते हुए निलंबित किया जाएगा। यही नहीं उन्होंने रैन बसेरों की सुविधाएं बेहतर करने की बात भी मुसाफिरों से कही।

रैन बसेरों में लटका मिला ताला

दमोह में सर्दी इन दिनों सितम ढा रही है और मुसाफिर सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। हर महीने लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद रैन बसेरा में ताला लटका हुआ है। बाहर सर्द हवा झेल रहे मुसाफिरों ने फुट-फूट कर रोते हुए दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर को हकीकत बताई। बिलखते मुसाफिर की परेशानी सुनकर कलेक्टर ने खुद को दोषी बताया और उनसे माफी मांगी। उन्होंने रैन बसेरा के कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए निलंबन करने का निर्देश दिया।

शराबियो का अड्डा बनीं रैन बसेरे की दो इमारतें

शहर के बीचों-बीच रैन बसेरा की दो चमचमाती इमारतें हैं। सरकार हर साल इनके रंग-रोगन में लाखों रुपये खर्च करती है, तो दर्जनों पलंग और बिस्तर भी खरीदे जाते हैं। लेकिन सब कुछ तालों में बंद कर दिया गया है। एक भी मुसाफिर को रैन-बसेरों का लाभ यहां नहीं मिलता। उधर जिला अस्पताल का रैन बसेरा तो शराबियों के अड्डे में तब्दील हो चुका है। नशेड़ी यहां शराब पीते हैं और नशे में धुत पड़े रहते हैं।

कलेक्टर के औचक निरीक्षण में खुली पोल

जानकारी यह भी मिली है कि केयर टेकर कर्मचारी रात होते ही मुसाफिरों को बाहर निकालकर इन रैन बसेरों में ताला लगा देते हैं और घर चले जाते हैं। दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने जब औचक निरीक्षण किया तो इन रैन बसेरों की सारी पोल खुलकर सबके सामने आ गई। नगर पालिका के अधिकारी ने जब अपने कर्मचारियों की करतूत के बारे में जाना तो वे भी भौचक्के रह गए।

बता दें कि कलेक्टर सुधीर कोचर ने अपने सरकारी तंत्र की नाकामी उजागर करते हुए इन अव्यस्थाओं का जिम्मा खुद पर लेते हुए सभी मुसाफिरों से माफी मांगी। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाया कि आगे रैन बसेरों का लाभ हर जरूरतमंद मुसाफिर को मिलेगा। दो रैन बसेरों में जब उन्हें एक भी मुसाफिर नहीं मिला तो उन्होंने इस पर भी भारी अफसोस व्यक्त किया।