
नवाचार- नई उच्च शिक्षा प्रणाली के तहत एग्जिट और प्रमोशन की भी सुविधा
दमोह. इस बार कॉलेज में यूजी और पीजी में एडमिशन लेेने वाले सभी स्टूडेंट को उच्च शिक्षा विभाग के नए निर्देश से अवगत होना जरूरी है। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रदेश के सभी शासकीय, निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सत्र 2025-26 से नई स्नातकोत्तर यानि पीजी शिक्षा प्रणाली अध्यादेश से लागू की गई है।
इस नई प्रणाली के तहत अब विद्यार्थियों को एक वर्ष या दो वर्ष के स्नातकोत्तर कार्यक्रम और एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा के विकल्प उपलब्ध होंगे। यही नहीं चार वर्षीय ऑनर्स डिग्री या एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा पूर्ण करने वाले विद्यार्थी एक वर्षीय पीजी कोर्स में प्रवेश पा सकेंगे, जबकि पारंपरिक तीन वर्षीय स्नातक विद्यार्थी दो वर्षीय पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा नई शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी और वह उन्हें कैसे फायदेमंद साबित होंगी।
एग्जिट और प्रमोशन की सुविधा
विद्यार्थी प्रथम वर्ष के अंत में एग्जि़ट विकल्प चुन सकते हैं, जिससे उन्हें पीजी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। यदि किसी विद्यार्थी ने किसी सेमेस्टर में कुल 22 क्रेडिट में से कम से कम 40 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित की हैं, तो वह एटीकेटी के साथ अगले सेमेस्टर में प्रमोशन पा सकेगा। नीति के तहत विद्यार्थी एक साथ दो शैक्षणिक कायक्रम कर सकेंगे। एक फुल टाइम फिजिकल मोड में और दूसरा ओपन/ऑनलाइन मोड में, बशर्ते परीक्षा समय में ओवरलैप न हो। दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम अधिकतम 4 वर्षों में और एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम 2 वर्षों में पूर्ण किया जा सकेगा।
-भाषा और समावेशिता पर जोर
नई नीति के तहत उच्च शिक्षा में अब भाषा कोई बाधा नहीं होगी। आट्र्स, सोशल साइंस, एजुकेशन आदि विषयों में हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों माध्यमों में अध्ययन की सुविधा होगी। विज्ञान विषयों में भी द्विभाषिक हिंदी-अंग्रेज़ी विकल्प दिए जाएंगे। हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को समान अवसर मिलेंगे। ग्रेडिंग प्रणाली अब अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी। आउटस्टेंडिंग, ए प्लस, एबी प्लस, बी, सी, पी, एफ एबी आदि।
नई प्रणाली की मुख्य विशेषताएं
नई व्यवस्था में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में दो सेमेस्टर होंगे, जिनमें प्रत्येक सेमेस्टर की शिक्षण अवधि कम से कम 15 सप्ताह की होगी। शिक्षा अब क्रेडिट आधारित प्रणाली पर आधारित होगी, जिसमें एक क्रेडिट का अर्थ एक घंटे का व्याख्यान या दो घंटे का प्रायोगिक कार्य प्रति सप्ताह होगा।
दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम : 88 क्रेडिट तीन वर्षीय स्नातक डिग्रीधारकों के लिए।
एक वर्षीय पीजी कार्यक्रम: 44 क्रेडिट चार वर्षीय ऑनर्स डिग्रीधारकों के लिए।
एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा: 44 क्रेडिट (यदि छात्र दो वर्षीय पीजी का केवल प्रथम वर्ष पूरा करता है)
दो वर्षीय पीजी कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में विद्यार्थियों को तीन विकल्प मिलेंगे
1- केवल पाठ्यक्रम कार्य, 2- पाठ्यक्रम कार्य एवं अनुसंधान, 3- केवल अनुसंधान: विकल्प 2 एवं 3 केवल विश्वविद्यालय विभागों या मान्यता प्राप्त अनुसंधान केंद्रों में ही उपलब्ध होंगे। सभी विद्यार्थियों के शैक्षणिक क्रेडिट का डिजिटल रेकॉर्ड अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एबीसी और अपार आईडी के माध्यम से रखा जाएगा।
पाठ्यक्रम एवं मूल्यांकन में बदलाव
नई नीति में अब पाठ्यक्रम को अधिक व्यावहारिक और कौशलोन्मुख बनाया गया है। इसमें कोर कोर्स के साथ-साथ वैल्यू एडेड कोर्स, रोजगारोन्मुख विषय, उद्यमिता कौशल, सेमिनार, रिसर्च कार्य और प्रेजेंटेशन शामिल होंगे। इसी तरह मूल्यांकन पद्धति में 40 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन और 60 प्रतिशत बाहरी परीक्षा के आधार पर अंक दिए जाएंगे। प्रत्येक कोर्स में पास होने के लिए आंतरिक और बाह्य दोनों में अलग अलग न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक आवश्यक होंगे।
वर्शन
नई नीति के तहत पीजी कार्यक्रम और डिप्लोमा के नए विकल्प उपलब्ध किए गए हैं। छात्र इसका फायदा ले सकते हैं।
एके जैन, प्राचार्य पीएमश्री पीजी कॉलेज दमोह
Published on:
04 Nov 2025 09:49 am
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