
collector action in Pitambara Peeth gate collapse (फोटो- सोशल मीडिया)
Pitambara Peeth gate collapse: दतिया के पीतांबरा पीठ मंदिर के मुख्य द्वार के निर्माण कार्य के दौरान बुधवार रात बड़ा हादसा टल गया, जब निर्माणाधीन पिलर के ऊपर रखे बुर्ज अचानक धराशायी हो गए। सौभाग्य से उस समय मजदूर और कारीगर घर जा चुके थे, अन्यथा गंभीर जानलेवा हादसा हो सकता था। (MP News)
मामला सामने आते ही प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर स्वप्निल वानखेडे के निर्देश पर एसडीएम संतोष तिवारी ने निर्माण कार्य से जुड़े जिम्मेदार पक्षों को नोटिस जारी किया। नोटिस में निर्माण एजेंसी से 10 बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही कलेक्टर ने साइट से जुड़े आर्किटेक्ट और इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर व एसडीएम गुरुवार सुबह करीब 11 बजे पीतांबरा मंदिर परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने टूटे हुए बुर्ज का निरीक्षण किया और कार्य में लापरवाही को गंभीर माना।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पूछा कि क्या इस निर्माण कार्य की नगर पालिका से अनुमति ली गई थी? ट्रस्ट प्रबंधन की ओर से प्रबंधक महेश दुबे एवं ट्रस्टी डीएस चंदेल ने जब बताया गया कि प्लान अप्रूव नहीं कराया गया है, तो कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा यह कोई निजी घर का निर्माण नहीं है, यह सार्वजनिक परियोजना है।
बिना अनुमति काम कैसे शुरु कर दिया गया? चिंताजनक ये है कि निर्माण कार्य को लेकर जिम्मेदार भी तब जागे जब हादसा घटित हो गया। मतलब साफ है निर्माण कार्य को जांचने के लिए अफसरों के पास समय नहीं या फिर जानबूझक आंख मूंद लेते हैं और हादसों के बाद उनकी नींद खाल जाती है।
कलेक्टर वानखड़े ने पीतांबरा मंदिर परिसर में हुई घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए व्यापक तकनीकी, गुणवत्ता मानकों, संरचनात्मक सुरक्षा तथा संबंधित कार्यदायी संस्थाओं पर गंभीर संदेह जताते हुए चार सदस्यीय स्वतंत्र जांच दल गठित किया है। जांच दल में एसडीएम संतोष तिवारी, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग दतिया आदित्य सोनी, सीएमओ नगर पालिका नागेंद्र सिंह गुर्जर एवं फायर सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र धाकड़ को शामिल किया गया है।
कलेक्टर ने यह भी सवाल उठाया कि निर्माण स्थल पर उस समय साइट इंजीनियर मौजूद क्यों नहीं था, टेंडर किस कंपनी के नाम जारी किया गया था, और निर्माण की निगरानी व्यवस्था कैसी है। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जो भी एजेंसी कार्य कर रही है, उसे सभी क्लीयरेंस लेना अनिवार्य है।
ट्रस्ट प्रबंधन के अनुसार, यह कार्य रुपम कंस्ट्रक्शन कंपनी, उदयपुर (राजस्थान) को दिया गया है, जो इसे ठेकेदार भगवती लाल लोधा के माध्यम से करा रही है। निर्माण कार्य अप्रैल 2025 में शुरु हुआ था और मार्च 2026 तक पूरा होना है, लेकिन अभी तक केवल 40 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। प्रशासन की सख़्ती के बाद अब इस पूरे प्रकरण की जांच तेज़ हो गई है। नोटिस में मांगे गए दस्तावेज़ न देने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। (MP News)
सार्वजनिक निर्माण कार्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारों पर एफआईआर के निर्देश दे दिए हैं। आगे चलने वाले निर्माण कार्य की सतत निगरानी के लिए कहा गया है।- स्वप्निल वानखड़े, कलेक्टर दतिया
Updated on:
21 Nov 2025 12:47 pm
Published on:
21 Nov 2025 12:45 pm
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