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मार्च तक रहेगी भीषण ठंड, कोहरा करेगा परेशान, पहाड़ों पर जमकर होगी बर्फबारी

Weather Prediction:मौसम चक्र प्रभावित होने के कारण इस बार मार्च तक भीषण ठंड रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक ला-नीना असर के चलते ऐसा होगा। इसके चलते पर्वतीय इलाकों में रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाके घने कोहरे के आगोश में खोए रहेंगे। अगले साल गर्मियों में भी लोगों को काफी राहत मिल सकती है।

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This time there will be severe cold and heavy snowfall till March.

इस बार सर्दियों में रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ सकती है

Weather Prediction:सर्दियों में इस बार रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ सकती है। दरअसल, उत्तराखंड सहित पूरे देश में मौसम चक्र में तेजी से बदलाव हो रहा है। इसी के चलते मानसून की अवधि भी बढ़ गई है। नतीजा ये है कि इस बार अक्तूबर में भी मानसून की तर्ज पर जमकर बारिश हो रही है। पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक एएस नैन के मुताबिक उत्तराखंड में इस बार दिसंबर से ला-नीना का असर दिखने लगेगा। इससे कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका मतलब है कि लोगों को इस बार लंबी और अच्छी ठंड का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा लाभ पर्यटन कारोबार को भी मिलेगा। मौसम वैज्ञानिक एएस नैन के मुताबिक मौसम में धीरे-धीरे बदलाव आना शुरू हो गया है। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसमी परिवर्तन अभी लगातार जारी रहेगा। अक्तूबर के अंत तक ठंड में काफी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। अनुमान है कि अगले साल अप्रैल की शुरुआत से तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि शुरू होगी, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। मार्च आखिरी तक ठंड रह सकती है।

बसंत भी होगा प्रभावित

मौसम विभाग के मुताबिक ला नीना का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिख सकता है। अनुमान है कि इस बार कोहरे के दिन भी सामान्य से ज्यादा हो सकते हैं। पहाड़ की तुलना में मैदानी क्षेत्रों में कोहरा ज्यादा दिन तक रहता है। मार्च और अप्रैल के महीनों को बसंत मौसम के रूप में जाना जाता है। ज्यादा दिन तक सर्दी पड़ने से बसंत के दिन भी प्रभावित हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि अगर ला नीना का ज्यादा असर रहा तो वह मई से जून की गर्मियों और जुलाई से सितंबर के सालाना चक्र को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल सर्दियों के दिन तो ज्यादा होंगे। पश्चिमी विक्षोभ सहित अगर दूसरे कारक ज्यादा प्रभावी दिखे तो वह अपना असर भी दिखा सकते हैं।