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सेल्फी के शौक ने बचा ली 10 लोगों की जान, पलक झपकते ही पांच साथी मौत के मुंह में समाए

Tehri Bus Accident:सेल्फी का शौक कई बार जानलेवा साबित होता आया है। कई लोग सेल्फी के चक्कर में जान गंवा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां, सेल्फी के शौक ने 10 लोगों की जान बचा दी। उनके पांच साथी पलक झपकते ही मौत के मुंह में समा गए थे।

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Ten people, including five companions, were killed while taking selfies during the Tehri bus accident

टिहरी बस हादसा

Tehri Bus Accident:सेल्फी का शौक कई लोगों की जान ले चुका है। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है जहां, सेल्फी और फोटोज के शौक के कारण 10 लोगों की जान बच गई। सोमवार दोपहर को उत्तराखंड के टिहरी में थाना नरेंद्रनगर के कुंजापुरी-हिंडोलाखाल के पास गहरी खाई में बस गिर गई थी। उस हादसे में पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। तीर्थ यात्रा से लौटकर पहाड़ों की सुंदरता कैमरे में कैद करने उतरे यात्री शायद ही सोच पाए होंगे कि यही कुछ पल उनकी जान बचा लेंगे। दरअसल, यहां पर 40 श्रद्धालुओं के दल को सत्संग कार्यक्रम में पहुंचना था। ऐन मौके पर सत्संग कार्यक्रम रद हो गया था। इस पर श्रद्धालुओं ने माता कुंजापुरी के दर्शन का प्लान बनाया था। ये श्रद्धालु दो बसों और एक कार में सवार होकर नरेंद्रनगर हिंडोलखाल होते हुए मां कुंजापुरी मंदिर पहुंचे। वापसी पर यात्री मंदिर के नीचे सड़क पर लगी बसों के निकट पहुंचे। 28 सीटर इस बस के करीब 10 यात्री नीचे फोटो खींचने में व्यस्त हो गए थे। वह लोग पहाड़ों की सुंदरता को कैमरों में कैद करने और सेल्फी लेने में व्यस्त हो गए थे। शेष यात्री बस में सवार हो चुके थे। इसी दौरान चालक ने बस स्टार्ट की तो ढलान में आगे बढ़ गई। इससे पहले यात्री कुछ समझ पाते कुछ ही दूरी आगे बढ़ने के बाद सड़क पर जमे पाले में उनकी बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में समा गई थी। इस हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरी ओर सेल्फी खींचने में व्यस्त श्रद्धालुओं की जान बच गई। उनकी आंखों के सामने ही बस में सवार हुए पांच साथी काल का ग्रास बन गए।

नजारा देख कांप उठी रूह

उत्तराखंड के पर्वतीय रूट पर करीब तीन दशकों से बस चलाने वाले चालक शंभू सिंह खरोला ने नरेंद्रनगर में हुए बस हादसे को टालने का प्रयास किया, लेकिन उनकी सूझबूझ काम नहीं आ सकी। बताया जा रहा है कि कुंजापुरी मार्ग पर इन दिनों पाला पड़ा है। बस स्टार्ट होते ही थोड़ा आगे बढ़ी ढलान पर चालक शंभू ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया, लेकिन पाले में ब्रेक नहीं लगे। शंभू ने बस को नियंत्रित करने का प्रयास किया तो पिछला हिस्सा खाई की तरफ ज्यादा झुक गया। इसके बाद बस पीछे के हिस्से से ही 80 मीटर नीचे खाई में जा गिरी। ये नजारा देख लोगों की रूह कांप उठी।

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जानलेवा साबित हुआ पाला

टिहरी बस हादसे की प्रमुख वजह सड़क पर जमा पाला रहा। देहरादून संभांग आरटीओ डॉ. अनीता चमोला के मुताबिक सर्दी का सीजन में इन दिनों पर्वतीय मार्गों पर पाला पड़ रहा है। ऊंचाई वाले इलाकों में पाला सड़क पर जम जाता है, जिससे पाले वाली सड़क पर ब्रेक लगाते ही वाहन फिसलने लगते हैं। जिस स्थान पर सुबह के समय यह हादसा हुआ वहां सड़क पर पाला पड़ा था और ब्रेक लगाते ही बस फिसल कर खाई में जा गिरी। बस 10 साल पुरानी थी।