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राष्ट्रपति ने किया विस सत्र को संबोधित…कहा, जनता के प्रति उत्तरदाई बने रहना संसदीय प्रणाली की शक्ति और चुनौती भी

President in Uttarakhand:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड विस के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए यहां की शौर्य परंपरा को पूरे देश का गौरव बताया। कहा कि उत्तराखंड युवा ऊर्जा के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जनता के प्रति निरंतर उत्तरदाई बने रहना संसदीय प्रणाली की शक्ति और चुनौती भी है।

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President Draupadi Murmu addressed a special session of the Uttarakhand Legislative Assembly on Monday.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को उत्तराखंड विस के विशेष सत्र को संबोधित किया। फोटो सोर्स सूचना विभाग

President in Uttarakhand:राज्य स्थापना के 25 साल पूर्ण के उपलक्ष्य में उत्तराखंड में रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इसी को देखते हुए यहां पर विस का दो दिवसीय विशेष सत्र भी बुलाया गया है। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड विस के विशेष सत्र को संबांधित किया। इससे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राष्ट्रपति को रम्माण कला पर आधारित स्मृति चिह्न भेंट किया। राज्यपाल ले. जन. (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, सीएम पुष्कर सिंह धामी आदि ने उनका स्वागत किया। सदन में सीएम धामी, राज्यपाल ले. जन. गुरमीत सिंह और विधायकों के साथ ही दर्शक दीर्घा में सभी पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान व पूर्व सांसद भी मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष, मुख्यमंत्री धामी और राज्यपाल के स्वागत भाषण के बाद राष्ट्रपति ने संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना की रजत जंयती के ऐतिहासिक अवसर पर लोकतंत्र के इस मंदिर में आप सबके बीच आकर उन्हें बेहद प्रसन्नता हो रही है। कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में जनमानस की आकांक्षा और बेहतर विकास की दृष्टि से साल 2000 के नवंबर में उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई थी। इन 25 वर्षों में उत्तराखंड ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की। साथ ही राज्य ने ह्यूमैन डेवलपमेंट के कई मानकों में सुधार किया। खुशी है कि राज्य में साक्षरता बढ़ी। महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने 25 वर्षों के सफर में विकास के लक्ष्य हासिल किए हैं। उन्होंने इन प्रयासों की बेहद सराहना की।

प्राकृतिक संपदाओं का संरक्षण करें

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में अनुपम प्राकृतिक संपदा और सौन्दर्य विद्यमान हैं। प्रकृति के इन उपहारों का संरक्षण करते हुए, राज्य को विकास के मार्ग पर आगे ले जाना है। उत्तराखंड की 25 वर्ष की विकास-यात्रा, विधायकों के योगदान से ही संभव हो पाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी सभी विधायक जन-आकांक्षाओं को अभिव्यक्ति देते रहेंगे। कहा कि ’राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना के साथ राज्य तथा देश को विकास-पथ पर तेजी से आगे ले जाने की जरूरत है। उन्होंने अपने संबोधन का समापन उत्तराखंड के सभी निवासियों को भविष्य की मंगलकामना देने के साथ की।

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शौर्य परंपरा देश का गौरव

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में सुशीला बलूनी, वंदना कटारिया, बछेंद्री पाल जैसी असाधारण महिलाओं की गौरवशाली परंपरा आगे बढ़ेगी। ऋतु खंडूड़ी भूषण को पहली महिला विस अध्यक्ष नियुक्त करके उत्तराखंड विधानसभा ने अपना गौरव बढ़ाया। कहा कि मैं चाहूंगी कि उत्तराखंड विस में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी। भारत का यह पवित्र भूखंड ऋषि मुनियों की तपस्या स्थली रहा है। गढ़वाल रेजीमेंट के नाम से यहां की शौर्य परंपरा का परिचय मिलता है। यहां के युवाओं में मातृभूमि की रक्षा करने के प्रति उत्साह दिखाई देता है। उत्तराखंड की यह शौर्य परंपरा सभी देशवासियों के लिए गौरव की बात है।