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यूपी में एनकाउंटर पर पुलिस की स्क्रिप्ट फेल, कोर्ट ने दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश…महकमे में हड़कंप

देवरिया जिले के बनकटा थाना क्षेत्र में पशु तस्करी के आरोपी के साथ हुई कथित मुठभेड़ के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पुलिस की पूरी स्क्रिप्ट पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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फोटो सोर्स: पत्रिका, पुलिस मुठभेड़ में घायल आरोपी

देवरिया जिले के बनकटा में पशु तस्कर के साथ हुए एनकाउंटर पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए बड़ा फैसला सुनाया है, यहां पुलिस की पूरी कहानी पर ही गंभीर सवाल खड़ा किया गया है। अदालत ने पुलिस द्वारा लगाए गए लूट, पुलिस कर्मियों पर फायरिंग और हत्या के प्रयास जैसे सभी गंभीर आरोप खारिज करते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों पर ही कार्रवाई के आदेश दिए हैं। अदालत ने सब इंस्पेक्टर सुशांत पाठक, हेड कॉन्स्टेबल राजेश कुमार तथा कॉन्स्टेबल सज्जन चौहान के विरुद्ध धारा 261 BNS के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। अदालत ने माना कि पुलिस ने घटना को गलत रूप देते हुए गंभीर धाराएं लगाईं।

जानिए पूरा मामला

बनकटा पुलिस ने 12 नवंबर 2025 को एनकाउंटर में दिलीप सोनकर पुत्र छोटेलाल सोनकर, निवासी परसिया करकटही, थाना खुखुन्दू, को पशु तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर हवालात में बंद किया था। पुलिस के अनुसार आरोपी ने तबियत खराब होने की बात बताई। जिसके बाद दारोगा सुशांत पाठक और दो अन्य पुलिसकर्मी उसे इलाज के लिए ले जा रहे थे।

एनकाउंटर में पशु तस्कर को लगी गोली

इसी दौरान पुलिस ने दावा किया कि आरोपी शौच के बहाने बाहर निकला और दारोगा की पिस्टल छीनकर फरार हो गया। उसके बाद सूचना पर फोर्स खोजने लगी तो उसने पुलिस पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने राउंड फायर किए और आरोपी के पैर में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने इसे लूट, हमला, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला बनाते हुए आरोपी को अदालत में पेश किया।

CJM ने दोषी पुलिसकर्मियों पर विधिक कारवाई का निर्देश दिया

रिमांड की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मंजू कुमारी ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर आपत्तियां दर्ज कीं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस अधीक्षक देवरिया को निर्देश दिया है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पाए जाने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अदालत के इस आदेश के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है