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धौलपुर के सिंघाड़े की खुशबू से महकी राजधानी दिल्ली

धौलपुर के सिंघाड़े की खुशबू से देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्य महक रहे हैं। जिनका स्वाद वहां के लोग चख रहे हैं। इस सीजन बेहतर बारिश होने के कारण जिले में सिंघाड़े की बंपर पैदावार से किसान खुश नजर आ रहे हैं, हालांकि बंपर पैदावार से सिंघाडे के दाम भी नीचे आ गए हैं, लेकिन धौलपुर के सिंघाड़े की मांग अभी भी बरकरार है।

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धौलपुर के सिंघाड़े की खुशबू से महकी राजधानी दिल्ली The capital Delhi is filled with the fragrance of water chestnuts from Dholpur

अच्छी बारिश का असर...जिले में सिंघाड़े की बंपर पैदावार

दूसरे अन्य राज्यों में धौलपुर के सिंघाड़े की डिमांड, किसान खुश

धौलपुर. धौलपुर के सिंघाड़े की खुशबू से देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्य महक रहे हैं। जिनका स्वाद वहां के लोग चख रहे हैं। इस सीजन बेहतर बारिश होने के कारण जिले में सिंघाड़े की बंपर पैदावार से किसान खुश नजर आ रहे हैं, हालांकि बंपर पैदावार से सिंघाडे के दाम भी नीचे आ गए हैं, लेकिन धौलपुर के सिंघाड़े की मांग अभी भी बरकरार है।

धौलपुर का सिंघाड़ा राजस्थान सहित दूसरे राज्यों में धूम मचा रहा है। जिससे किसानों सहित व्यापरियों के चेहरे खिले हुए हैं। जिले में जगह-जगह लाल पत्थर की खदानों में भरे पानी में इस बार किसानों ने पारंपरिक सिंघाड़े की खेती कर सिंघाड़े की जमकर पैदावार की है। धौलपुर जिले के दुमंती सिंघाड़े की आगरा, ग्वालियर और दिल्ली तक डिमांड है। साथ ही पानी के इस फल की धौलपुर ही नहीं आस-पास की मंडियों में भी डिमांड बनी हुई है। धौलपुर जिले से होकर गुजर रहे करौली-धौलपुर नेशनल हाइवे 11बी पर बाड़ी रोड पर करीब पचास किसान फड़ लगा कर सिंघाड़े बेच रहे हैं। इस हाइवे से गुजरने वाले राहगीर और यात्री जम कर सिंघाड़े खरीद रहे हैं

दुमंती सिंघाड़े की मांग सबसे ज्यादा

जिले में ज्यादातर सिंघाड़े की पारम्परिक खेती बाड़ी, सरमथुरा और डांग इलाके में करीब डेढ सौ जगह की जाती है, लेकिन दुमंती सिंघाड़े की मिठास के लोग कायल हैं। सिंघाड़े की बम्पर पैदावार के चलते किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं। इस सिंघाड़े की मिठास और फल की खूबसूरती से खरीदार इनके कायल रहते हैं। सिंघाड़े की मंडी में अच्छी कीमत मिलने से किसान खुश हैं। मंडी में 18 से 20 रुपए किलोग्राम सिंघाड़े का भाव मिल रहा है और 25 से 30 रुपए में बेचा जा रहा है। किसानों ने बताया कि सिंघाड़े की खेती को उनके पूर्वज करते आ रहे हैं। पत्थर की खदानों और खलतियों में जब पानी आना शुरू हो जाता है तो उत्तर प्रदेश के जलेसर से सिंघाड़े की बेल दस रुपए में खरीद कर लाते हैं और करीब तीन सौ बेल खरीद कर लाते हैं। इन बेलों को पानी में लगा देते हैं, उसके बाद इन बेलों को काट काट कर कई बीघा में फैला देते हैं। एक बीघा में करीब 60 हजार की लागत आती है। कीटनाशक दवा के रूप में गेंहूं और बाजरे की दवाई देते हैं।

तीन माह तक ही रहता है सिंघाड़ा बाजार में

किसानों ने बताया कि अक्टूवर माह शुरू होते बेलों में सिंघाड़ा आना शुरू हो जाता है और दिसम्बर तक चलता है। एक बेल में से करीब सात बार सिंघाड़े की तुड़ाई हो जाती है और दस दिन बाद बेल में फिर फल आ जाता है। किसानों ने बताया कि धौलपुर के दुमंती सिंघाड़े की डिमांड आगरा, ग्वालियर, दिल्ली और आस-पास की मंडियों में काफी है और भाव भी अच्छा मिलता है। यह खाने में मीठा है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होता है। उन्होंने बताया कि इस बार सिंघाड़े का सीजन लंबा चलने की उम्मीद है।