Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डूंगरपुर में आरोपी युवक की मौत, मांगों पर अभी नहीं बनी सहमति, कलक्ट्रेट के बाहर डटे हैं ग्रामीण, वार्ता जारी

Dungarpur News : डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाने में पुलिस की कस्टडी में आरोपी की तबीयत बिगड़ने के बाद उदयपुर के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां युवक की मौत हो गई। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। सांसद, आसपुर व डूंगरपुर विधायक की मौजूदगी में कलक्ट्रेट के बाहर ग्रामीण डटे है। वार्ता जारी है पर सहमति नहीं बनी है।

2 min read
Google source verification
Dungarpur Accused Youth dies villagers remain outside Collectorate talks continue These three demands no consensus reached

डूंगरपुर कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण (फोटो-पत्रिका)

Dungarpur News : डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाने में पुलिस की कस्टडी में आरोपी की तबीयत बिगड़ने के मामले ने मंगलवार दोपहर बाद तूल पकड़ लिया। उदयपुर के चिकित्सालय में भर्ती युवक की दोपहर बाद मौत हो गई। यह जानकारी आने के साथ ही कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे लोगों की संख्या बढ़ गई तथा देर रात तक 3 सूत्रीय मांग-पत्र को लेकर डटे रहे। हालांकि, शाम पांच बजे से रात्रि साढ़े 9 बजे तक चली प्रशासन एवं पीड़ित पक्ष की ओर से पहुंचे जनप्रतिनिधियों के मध्य सहमति नहीं बन पाने से देर रात्रि तक ग्रामीण कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर डटे हैं।

जिला प्रशासन और आदिवासी समाज के बीच लगभग आठ घन्टे सहमति वार्ता चली। लेकिन कोई नतीजा नही निकला। जिला कलक्टर अंकित कुमार सिंह के कहा कि अभी वार्ता का दौर जारी है। लोगों से शांति की अपील की है। इधर सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि तीनों मांगों पर पूरी तरह सहमति नहीं बनने पर जिला कलक्ट्रेट के बाहर धरना जारी रहेगा।

वार्ता विफल, रात तक धरना

युवक की मौत के बाद जनजाति जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा भी कलक्ट्रेट के बाहर हो गया। सांसद राजकुमार रोत, आसपुर विधायक उमेश डामोर, चौरासी विधायक अनिल मीणा, डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा एवं बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। इसे लेकर शाम को कलक्ट्रेट में पुलिस प्रशासन के साथ स्थानीय विधायक-सांसद के साथ ही टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर सांसद मन्नालाल रोत, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक पटेल, भाजपा नेता बंशीलाल कटारा कलक्टर अंकितकुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक मनीषकुमार की मौजूदगी में वार्ताओं का दौर शुरू हुआ। इसमें प्रमुख रुप से पीड़ित पक्ष की ओर से दोवड़ा थाना पुलिस के पूरे जाप्ते को निलंबित करने, पीड़ित पक्ष के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की मांग की। हालांकि, रात्रि साढ़े 9 बजे तक मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। ऐसे में कलक्ट्रेट के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण डटे हुए हैं।

उपद्रवी की नहीं करेंगे मदद

इससे पूर्व धरना स्थल पर सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि यह पार्टी का नहीं सामाजिक धरना है। प्रशासन मांगें पूरी नहीं करता है, तो धरना जारी रहेगा। पर, धरना शांतिपूर्वक करेंगे। यदि कोई उपद्रव करेगा, तो हम उसकी मदद नहीं करेंगे। सांसद ने कहा कि प्रदेश में पुलिस की क्रूरता बढ़ती जा रही है। थाने में नियुक्त होने के बाद पुलिस शराब तस्करी व दलाल की तलाश करता है और उनके साथ मीटिंग करते हैं। पुलिस को अपराधियों में डर व आमजन में विश्वास के वाक्य को सही करना है, तो आईजी को सभी जिले में थानाधिकारी को सामाजिक कार्यकताओं व नेताओं से बैठक करने के आदेश जारी करना चाहिए।

यह है मामला

दोवड़ा पुलिस ने वसी गांव के एक स्कूल में हुई चोरी के मामले को लेकर शुक्रवार रात को करालिया देवसोमनाथ निवासी दिलीप पुत्र जीवरात अहारी को डूंगरपुर शहर से हिरासत में लिया था। इसके बाद दिलीप की शनिवार सुबह तबीयत खराब हुई। इसके बाद पुलिस ने दिलीप को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। पर, आरोपी की तबीयत बिगड़ने पर रविवार सुबह पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए चिकित्सालय परिसर में प्रदर्शन किया। आरोपी की तबीयत खराब होने पर उसे उदयपुर रेफर कर दिया था। उसके बाद तनाव की स्थिति बनी रही। सोमवार शाम से कलक्ट्रेट पर परिजनों के साथ ग्रामीणों ने डेरा डाला। मंगलवार को भी रात तक ग्रामीण विभिन्न मांगों को लेकर डटे रहे।