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Panther Poaching: पैंथर का सिर-4 पैर काटकर ले गए, शिकारी 15 दिन बाद भी गिरफ्त से दूर; पैंथर के एक दांत की कीमत 1 लाख से अधिक

Dungarpur Panther Poaching Case: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पैंथर शिकार के बहुचर्चित मामले में 15 दिन बाद भी जांच एजेंसियों के हाथ खाली है।

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प्रतीकात्मक फोटो

Dungarpur Panther Poaching Case: साबला वन क्षेत्र के ग्राम पंचायत माल के खण्डेश्वर महादेव के निकट पैंथर के शिकार के बहुचर्चित मामले में 15 दिन बाद भी जांच एजेंसियों के हाथ खाली है। सिर व पैर काट कर ले गए शिकारी अब भी गिरफ्त से दूर हैं। ऐसे में आमजन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर पैंथर का शिकारी कौन है।

वहीं, मौके के साक्ष्य सहित अन्य आधारों पर जांच में जुटी एजेंसियां इस सवाल के जवाब में अब भी मौन हैं। मामला इसीलिए भी गंभीर है कि दशकों में पैंथर के शिकार का यह पहला मामला सामने आया है। इसलिए वन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों के सामने भी शिकारियों पर पर्दाफाश करना बड़ी चुनौती है।

भूसे में सुई ढूंढ रहे

26 अक्टूबर को पैंथर के शिकार का मामला सामने आया था, जिसमें शिकारियों ने पैंथर का सिर एवं चारों पैर काटकर ले गए थे। इसके बाद वन विभाग ने 3 टीमें बनाते हुए जांच शुरू की। साथ ही पुलिस एवं साइबर टीमों के एक्सपर्ट के सहयोग से भी शिकारियों तक पकड़ बनाने के प्रयास किए। लेकिन, अब तक यह जांच किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है। हालात, ये है कि कयासों के आधार पर आगे बढ़ रही जांच में एक पखवाड़े के बाद भी विभाग भूसे में से सुई ही ढूंढ रही हैं।

अब तक ये किया

  • वन क्षेत्र के आसपास के लोगों से पूछताछ
  • 3 पुलिस थानों साबला, आसपुर व निठाउवा थाना पुलिस के सहयोग से उनके क्षेत्रों में संदिग्धों की गतिविधियों की पड़ताल
  • 30 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले
  • पुलिस से सीडीआर संदिग्धों की (कॉल डिटेल रिपोर्ट), बीटीएस (लॉकेशन) आदि पुलिस से मांगे हैं।
  • घटना के दिन से पहले के आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज जांचे
  • घटना स्थल से जुड़े तीनों मार्गों पर करीब 20-20 किमी के क्षेत्र में संदिग्धों के संबंध में ग्रामीणों से पड़ताल

बूंदों ने बढ़ाई परेशानी

वन क्षेत्र में पैंथर की चहलकदमी के बाद बने पगमार्क एवं शिकार के बाद उसके रक्त के निशान जांच एजेंसियों के लिए पुख्ता सबूत बन सकते थे। पर, शिकार की घटना सामने के साथ ही जिले में मानसून सक्रिय हो गया था तथा लगातार बारिश हुई। इससे जांच एजेंसियों की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई हैं। उन्हें पैंथर की चहलकदमी तथा खून के निशान नहीं मिल पाए हैं।

कट्टे से कयास

घटना स्थल पर एक शक्कर की बोरी (कट्टा) मिला है। शक्कर की इस बोरी पर महाराष्ट्र की फैक्ट्री का मार्का लगा हुआ है। ऐसे में जांच एजेंसी यह पड़ताल कर रही है कि आसपास की दुकानों में इन कट्टों की बिक्री कहां हो रही है। ताकि, जांच में सहयोग मिले।

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12 बोर गन से किया था हमला

प्रारम्भिक जांच एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि शिकारियों ने पैंथर पर 12 बोर गन से हमला किया था तथा पैंथर के शरीर के अंदर 30 छर्रे मिले थे। जांच एजेंसी यह तय नहीं कर पा रही है कि जहां शव मिला वहीं पैंथर पर हमला किया गया था या पैंथर का हमला कहीं और होने के बाद उसके अंग काट कर साबला वन क्षेत्र में शव फैंका गया है।

यूं घटते रहे पैंथर

वर्षपैंथर संख्या
201921
202036
202146
202256
2023
202418
202521

पैंथर के अंगों से जुड़ी भ्रांतियां

पैंथर के अंगों से जुड़ी भ्रांतियां है कि उनको पास में रखने या पहनने से साहस एवं शक्ति में वृद्धि होती है। वहीं, इनके अंगों का औषधीय उपयोग भी वैज्ञानिक दृष्टि पर भी खरा नहीं उतरता। इसके बावजूद पैंथर (तेंदुए) के अंग नाखून, आंख, दांत आदि का इस्तेमाल अंधविश्वासों, पारंपरिक दवाओं और अवैध वन्यजीव व्यापार में किया जाता है।

बताया जाता है कि पैंथर सहित कई वन्यजीवों के अंगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई की जाती है और इन अंगों के मुंह मांगे दाम दिए जाते हैं। पैंथर के एक दांत की कीमत एक लाख रुपए से अधिक आंकी जाती है। ऐसे में शिकारी वन्य जीवों को अपना शिकार बना रहे हैं।

360 डिग्री एंगल से कर रहे जांच

पैंथर के शिकार की घटना सामने आने के बाद विभाग 360 डिग्री एंगल से जांच कर रहा है। हमने रात्रि में क्षेत्र में भ्रमण करने वाले वाहनों के फुटेज भी लिए हैं। साथ ही संदिग्धों की कॉल डिटेल के आधार पर भी जांच कर रहे हैं। पैंथर के शिकारियों को विभाग जल्द ही पकड़ लेगा।

  • सोनम मीणा, क्षेत्रीय वन अधिकारी, आसपुर