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Justice Surya Kant बने भारत के 53वें CJI, जानें कहां से की पढ़ाई और करियर बैकग्राउंड

Justice Surya Kant Education Qualification: जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले लिया है। जानें उन्होंने कहां से पढाई की है और करियर बैकग्राउंड क्या रहा है।

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भारत

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Rahul Yadav

Nov 24, 2025

Justice Surya Kant, CJI of India

नए चीफ जस्टिस सूर्यकांत। (फोटो- विकिपीडिया/पत्रिका.कॉम)

Justice Surya Kant, CJI of India: जस्टिस सूर्यकांत ने आज भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले लिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई बी.आर. गवई की जगह ली है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने अगला CJI बनने के लिए संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत जस्टिस सूर्यकांत के नाम की अनुशंसा की थी। राष्ट्रपति ने इस सुझाव को मनूरी देते हुए जस्टिस सूर्यकांत को देश का 53वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया है।

ऐसे में देश के लोग जानना चाहते हैं कि जस्टिस सूर्यकांत की पढ़ाई-लिखाई कहां से हुई है, उनका करियर बैकग्राउंड क्या रहा है? इस आर्टिकल में हम यही सब जानेंगे, तो चलिए जानते हैं।

Justice Surya Kant: भारत के नए मुख्य न्यायाधीश

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध आधिकारिक प्रोफाइल के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने 1981 में गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, हिसार से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से लॉ में ग्रेजुएशन किया है। जज बनने के बाद भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से LLM की डिग्री ली, जिसमें वे टॉपर रहे हैं।

Justice Surya Kant: वकालत का सफर

उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय से अपनी वकालत शुरू की। 1985 में वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। यहां उन्होंने संवैधानिक, सेवा और दीवानी (सिविल) मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। इसके आलावा उन्होंने कई विश्वविद्यालयों, बोर्डों, निगमों, बैंकों और स्वयं उच्च न्यायालय का भी प्रतिनिधित्व किया है।

Justice Surya Kant: महत्वपूर्ण पद और उपलब्धियां

एडवोकेट जनरल: 7 जुलाई, 2000 को उन्हें हरियाणा का सबसे युवा महाधिवक्ता (Advocate General) नियुक्त किया गया।

वरिष्ठ अधिवक्ता: मार्च, 2001 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) नामित किया गया।

हाई कोर्ट जज: 9 जनवरी, 2004 को वे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने।

जस्टिस सूर्यकांत 23 फरवरी 2007 से 22 फरवरी 2011 तक राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की शासी निकाय के सदस्य रहे हैं। इसके अलावा वे अभी भी भारतीय विधि संस्थान (Indian Law Institute) की कई समितियों के सदस्य हैं। वे कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शामिल हुए हैं और उनका आयोजन भी किया है।

Justice Surya Kant: सुप्रीम कोर्ट तक का सफर

चीफ जस्टिस (HP): उन्होंने 5 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला।

सुप्रीम कोर्ट जज: 24 मई, 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

SCLSC अध्यक्ष: वे 12 नवंबर, 2024 से सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। अब भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं।