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दिव्यांगों का उड़ाया था मजाक… अब उनके लिए जुटाना होगा फंड, सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को दिया निर्देश

Samay Raina: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम और अनोखे फैसले में इनफ्लुएंसर समय रैना और उनकी टीम को दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के मामले में सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन्हें जुर्माना लगाने के बजाय एक सामाजिक जिम्मेदारी सौंपी...

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Samay Raina

Samay Raina ( सोर्स: X)

Samay Raina: सुप्रीम कोर्ट ने इनफ्लुएंसर समय रैना और उनकी टीम के सदस्यों के लिए एक अनोखी सजा का ऐलान किया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सर्वोच्च अदालत ने इनफ्लुएंसर्स को दिव्यांगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए एक खास तरीका सुझाया है।

अब उनके लिए जुटाना होगा फंड

अदालत ने अपने निर्देश में कहा, "प्राइवेट रेस्पोंडेंट्स (समय और उनकी टीम) को दिव्यांगों के इलाज के लिए फंड जुटाने के लिए अपने देश में हर महीने कम-से-कम दो इवेंट आयोजित करने होंगे। ये एक ऐसा फैसला है जो आमतौर पर अदालतों में किसी ने नहीं सुना होगा।" बता दें कि ये फैसला समय रैना और उनकी टीम द्वारा डिसेबल या अक्षम लोगों, विशेष रूप से NGO क्योर SMA इंडिया फाउंडेशन से जुड़े लोगों का मजाक उड़ाने के मामले से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने ये भी कहा कि बोलने की स्वतंत्रता जरूरी है, लेकिन इसकी भी एक सीमा होनी चाहिए और एक जिम्मेदारी की भावना होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को दिया निर्देश

इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया कि समय रैना और उनकी टीम को अपने शो में दिव्यांगों को बुलाना होगा और उनकी सफलता की प्रेरक कहानियों को लोगों के साथ शेयर करना होगा। CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि अगर समय और उनकी टीम अपने काम पर पछतावा दिखाते हैं और दिव्यांगों के लिए योगदान देने की क्षमता दिखाते हैं, तो इन इवेंट्स का बड़े पैमाने पर सकारात्मक असर भी होगा।

फैसला सुनाते हुए, बेंच ने इनफ्लुएंसर्स से ये भी कहा कि हम आप पर जुर्माना नहीं लगाएंगे, बशर्ते आप किसी अच्छे संस्थान को डोनेशन देने का प्रस्ताव खुद लेकर आएं। कोर्ट ने आगे कहा, हम सजा का बोझ नहीं डालना चाहते, लेकिन आपको एक ये सामाजिक जिम्मेदारी निभानी होगी।

CJI ने ऑनलाइन स्पष्ट या संवेदनशील कंटेंट तक पहुंचने के लिए एक सख्त आयु-सत्यापन प्रणाली की भी बात कही। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला समाज में दिव्यांग लोगों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।