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UP: केंद्र सरकार की नई पहल! अल्पसंख्यक क्षेत्रों में बड़े बदलाव की तैयारी, केंद्र ने मांगे करोड़ों के प्रस्ताव

केंद्र की मोदी सरकार अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में बड़े बदलाव करने जा रही है। इसके लिए गाइडलाइन पहले से निर्धारित कर दी गई है। इसके लिए 8 सेक्टर निर्धारित किए गए हैं। एक परियोजना पर न्यूनतम एक करोड रुपये खर्च किए जाएंगे। आइये जानते हैं क्या है पूरी योजना

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोटो सोर्स बीजेपी x अकाउंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोटो सोर्स बीजेपी x अकाउंट

अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 2025-26 के लिए बड़ी परियोजनाओं के प्रस्ताव मांगे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, खेल और महिला केंद्रित योजनाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है।

अल्पसंख्यक क्षेत्रों के विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के प्रस्ताव मांगे हैं। इस योजना का उद्देश्य ऐसे ब्लॉकों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। जहां अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी 25 प्रतिशत या उससे अधिक हो।

इन सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस बार ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिनका सीधा लाभ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कौशल विकास, महिला सुरक्षा, सौर ऊर्जा, खेल और पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों पर पड़े। हर परियोजना की न्यूनतम लागत एक करोड़ रुपये तय की गई है। जिससे बड़े और प्रभावी निर्माण कार्य सुनिश्चित हो सकें।

8 सेक्टर में अलग-अलग प्रकार के विकास कार्य होंगे स्वीकृत

2023-24 में जारी की गई नई गाइडलाइन के आधार पर आठ सेक्टरों में अलग-अलग प्रकार के विकास कार्य स्वीकृत होंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में पीएचसी, सीएचसी, आयुष अस्पताल, पोषण पुनर्वास केंद्र जैसे भवन प्रस्तावित किए जा सकते हैं। शिक्षा के तहत स्कूल, छात्रावास, डिग्री कॉलेज, कृषि कॉलेज या अतिरिक्त कक्षाएं बनाई जा सकती हैं। कौशल विकास में ITI, पॉलिटेक्निक और हुनर हब जैसी इकाइयों को शामिल किया गया है।

खेल के लिए बनेंगे स्टेडियम मिनी स्टेडियम और ऑडिटोरियम

खेल से जुड़े प्रोजेक्ट में स्टेडियम, मिनी स्टेडियम और ऑडिटोरियम बनाए जा सकेंगे। पेयजल के लिए कस्बों और शहरी क्षेत्रों में नल-जल योजना या अमृत सरोवर जैसे प्रोजेक्ट भेजे जा सकते हैं। स्वच्छता के लिए सार्वजनिक शौचालय, जबकि सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनल लगाने का प्रावधान रखा गया है।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बोले तय गाइडलाइन के अनुसार मांगे गए प्रस्ताव

महिला केंद्रित परियोजनाओं में बालिका छात्रावास, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, प्रसूति वार्ड, आवासीय विद्यालय और पॉलिटेक्निक जैसी संस्थाओं के निर्माण को प्राथमिकता मिलेगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि संबंधित विभागों के अधिकारियों से तय गाइडलाइन के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।