
guna smart meter controversy (फोटो- सोशल मीडिया)
Smart Meter Controversy: एमपी के गुना शहर में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर एक बार फिर तनाव गहरा गया है। वार्ड 27 के कई घरों में बिजली कंपनी ने बिना सूचना दिए मीटर बदल दिया। इससे लोग भड़क उठे। नाराज मकान मालिकों ने अपने घरों के बाहर बाकायदा चेतावनी पत्र टांग दिए हैं। उनमें साफ लिखा है कि बिना अनुमति स्मार्ट मीटर लगाने की कोशिश की तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इधर कंपनी के एई प्रशांत यादव ने कहा कि इस तरह चेतावनी पत्र लगाने से कुछ नहीं होगा? अगर मीटर बदलने में सहयोग नहीं किया तो हम बिजली काट देंगे। खींचतान के बीच नपा नेता प्रतिपक्ष की भी विवाद में एंट्री हो गई है। वह शहर के लोगों के साथ खड़े हो गए है। (MP News)
चार दिन पहले बिजली कंपनी की टीम वार्ड 27 में पहुंची और बिना किसी पूर्व सूचना के स्मार्ट मीटर लगाने लगी। अचानक घरों के सामने गाड़ी व कर्मचारी देखकर लोग सहम गए। महिलाओं ने विरोध जताते हुए कहा कि हमें कुछ बताया ही नहीं और यह लोग मीटर बदल रहे हैं। हालांकि कुछ मीटर बदल भी दिए। अब नेता प्रतिपक्ष शेखर वशिष्ठ ने बिजली कंपनी के प्रति नाराजगी जताई। कहा कि बिना मकान मालिक की अनुमति के मीटर बदलना गलत है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि ऊर्जा मंत्री स्वयं कह चुके हैं कि 2028 तक स्मार्ट मीटर ऐच्छिक रहेंगे। ऐसे में बिना इच्छा के किसी के घर मीटर बदलना अनुचित है। जनता विरोध कर रही है. इसके बावजूद कंपनी जबरन काम कर रही है। लोगों ने घरों के बाहर कंपनी को चेतावनी देते हुए पत्र चस्पा कर दिए हैं। शहर के कैंट क्षेत्र में 22000 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसमें से 3 हजार ही लग पाए हैं। गुना शहर में 33000 मीटर बदलने का लक्ष्य है। जबकि दो हजार ही लग पाए हैं। पूरे जिले में लक्ष्य 15 लाख के लगभग मीटर बदले जाने हैं।
बिजली कंपनी के एई प्रशांत यादव ने कहा कि सरकारी प्रक्रिया के तहत स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य है। कोई उपभोक्ता रुकावट नहीं डाल सकता। यदि किसी ने सहयोग नहीं किया, तो उसका कनेक्शन काट दिया जाएगा। मकान मालिक ने अगर घर के बाहर चेतावनी पत्र लगाया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मीटर कंपनी की संपत्ति है, जिसे बदले जाने का अधिकार है। इसमें उपभोक्ताओं को सहयोग करना चाहिए।
स्मार्ट मीटर शुरुआती समय में जब कंपनी ने लगाए तो भारी भरकम बिलों का लोगों को सामना करना पड़ा था। वहीं कई घरों के लाखों रुपए के बिल आ गए थे। इसके बाद से ही इन मीटरों प्रति लोगों का भरोसा खत्म हो गया है। इसलिए लोग पुराने मीटर ही लगे रहना चाहते हैं। जबकि कंपनी के पास हजारों मीटर आ चुके हैं और उन्हें लगाए जाने के लिए दल सक्रिय है। (MP News)
Updated on:
17 Nov 2025 08:28 am
Published on:
17 Nov 2025 08:26 am
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