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MP News:मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार के लिए बड़ा आदेश जारी किया है। जिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बाद में नियमित किया गया और जिन्होंने नियमितीकरण से पूर्व 15 वर्ष या उससे अधिक समय मासिक वेतन पर काम किया, उनकी वह पूर्व सेवा पेंशन की गणना में जोड़ी जाएगी। यह लाभ केवल पेंशन तक सीमित रहेगा। वरिष्ठता, वेतन व अन्य लाभ भर्ती नियमों के अनुसार ही मिलेंगे। कोर्ट ने राज्य सरकार को 60 दिनों में आदेश लागू करने को कहा है।
वरिष्ठ अधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी के अनुसार, यह फैसला 100 से अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनाया गया। इन याचिकाओं में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने यह मांग की थी कि नियमित होने से पहले की सेवा भी पेंशन योग्य सेवा मानी जाए। अधिकांश की नियुक्ति दैनिक वेतन पर हुई थी और 1990 व 2007 की नियमितीकरण नीतियों के तहत उन्हें स्थायी किया गया।
कोर्ट ने कहा, जैसे ही कर्मचारियों को मासिक वेतन मिलने लगता है, वे अस्थायी आकस्मिकताविहीन वेतनभोगी श्रेणी में आ जाते हैं। एमपी वर्क चार्ज एंड कंटिन्जेंसी पेड एम्प्लॉइज पेंशन रूल्स, 1979 के नियम 2(सी) के मुताबिक 15 साल की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिलता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दो नियमों में अंतर होने पर कल्याणकारी राज्य में अधिक लाभकारी नियम लागू किया जाएगा।
Updated on:
28 Sept 2025 11:16 am
Published on:
28 Sept 2025 11:14 am
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