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ग्वालियर. जिले में 14 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले व चिटफंड की कमर तोड़ दी थी। सिटी सेंटर क्षेत्र में सरकारी जमीनों को हड़पने वालों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की और जमीनों को निजी से सरकारी घोषित किया और पट्टे की जमीनों को अहस्तांतरणीय कर दिया। आकाश त्रिपाठी के बाद 2011 से मार्च 2024 के बीच 8 कलेक्टर आए, लेकिन सरकारी जमीनों को बचाने की कवायद नहीं की गई। सिरोल, महलगांव व डोंगरपुर हल्के की सरकारी जमीनों को बिल्डर ने दबा लिया और उन पर बहुमंजिला इमारतें खड़ी कर दीं और फ्लैट डुप्लेक्स लोगों को बेच दिए, लेकिन इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं सकी। कई टाउनशिप में बिङ्क्षल्डग खड़ी करने में नियमों को भी ताक पर रखा है।
पत्रिका ने पिछले 15 दिनों में सरकारी जमीनों की स्थिति की पड़ताल की है। इसमें सामने आया कि जमीन रिकॉर्ड में मौजूद है, लेकिन मौके पर बिल्डर के कब्जे में हैं। कुंआ, पहाड़, जंगल की जमीन को भी नहीं छोड़ा है। ओहदपुर व डोंगरपुर हल्के में नियोटेरिक डेवलपर्स के आरडी गुप्ता की जमीनें मौजूद हैं। आरडी गुप्ता की कई टाउनशिप में सरकारी जमीनें अधिक दिख रही हैं।
पी नरहरि - 31 दिसंबर 2011 से 24 अप्रेल 2015
डॉ संजय गोयल - 2 मई 2015 से 23 जून 2017
राहुल जैन - 26 जून 2017 से 22 मई 2018
अशोक वर्मा - 26 मई 2018 से 24 दिसंबर 2018
भरत यादव - 24 दिसंबर 2018 से 6 मार्च 2019
अनुराग चौधरी - 6 मार्च 2019 से 11 मार्च 2020
कौशलेंद्र विक्रम ङ्क्षसह - 11 मार्च 2020 से 31 जनवरी 2023
अक्षय कुमार - 30 जनवरी 2023 से 11 मार्च 2024
Published on:
26 Oct 2025 06:49 pm
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