26 नवंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गणना पत्र किए खराब, खाली भी थमाए, बीएलओ खुद भर रहा तो बहुओं की मायके के से भी जानकारी नहीं ले पा रहे

47.08% completed the survey, their information was easily available, so they filled out the census sheets. The biggest challenge after 50% is that their data is difficult to find.

2 min read
Google source verification
47.08% completed the survey, their information was easily available, so they filled out the census sheets. The biggest challenge after 50% is that their data is difficult to find.

47.08% completed the survey, their information was easily available, so they filled out the census sheets. The biggest challenge after 50% is that their data is difficult to find.

जिले में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने गणना पत्रक वापस लेकर उन्हें डिजिटल करना शुरू कर दिया है। शहर व गांव में मतदाताओं ने पत्रकों को खराब कर दिया है। जिनके पास पत्रक सुरक्षित रखे हैं, वे पत्रकों को खाली दे रहे हैं। खाली पत्रक को बीएलओ खुद भर रहा है तो रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत बहुओं के रिकॉर्ड की हो रही है। 2003 के बाद जो लड़कियां ससुराल में आई हैं, उनका मायके से रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है। ऐसी महिलाओं की संख्या हजारों में है। फोन करने पर मायके से जानकारी नहीं मिल पा रही है। बीएलओ को फोन करते हैं तो वह भी फोन नहीं उठा पा रहा है। 50 फीसदी मतदाताओं गणना पत्रक को भरकर डिजिटल करना बड़ा चुनौती भरा है। अब तक जो प्रगति आई है, उसमें उन मतदाताओं का रिकॉर्ड ऑनलाइन हुआ है, जो आसानी से मिल गए हैं।

दरअसल जिले में 4 नवंबर से पत्रक वितरण का कार्य शुरू हुआ है। 100 फीसदी पत्रक मतदाताओं के पास पहुंच गया हैं। इन पत्रकों को वापस लेना शुरू कर दिया है। मतदाता ने जो जानकारी भरी है, उसे डिजिटल किया जा रहा है। सोमवार तक 47.08 फीसदी मतदाताओं का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुका है। कम मतदाता वाले बूथ हैं, उनमें जल्दी काम खत्म हो गया है, लेकिन अधिक संख्या वाले बूथ पर काम काफी पीछे चल रहा है।

सिर्फ बढ़ोतरी के प्रतिशत की चिंता, यदि कोई पिछड़ा तो फोन पहुंच जाएगा

- ग्राउंड स्तर पर बीएलओ की समस्या को ध्यान नहीं दिया गया है। किसी बूथ पर डिजिटल करने का डेटा नहीं बढ़ा तो निर्वाचन कार्यालय व एसडीएम कार्यालय से फोन पहुंच जाएगा। पत्रक डिजिटल के लिए बीएलओ को कस (सख्ती) दिया जाता है।

-बीएलओ का एप धीमी गति से चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में तेज नेट भी नहीं आ रहा है। इस कारण एप पर गोल चक्कर घूमता रहता है।

- मतदाताओं के पास पुराना रिकॉर्ड नहीं है। 2003 की सूची बीएलओ के पास है। बीएलओ के आने के बाद ही मतदाता को जानकारी मिलती है।

- जिले में 60 फीसदी से अधिक आबादी ऐसी है, जिसे गणना पत्रक भरना नहीं आ रहा है। इस कारण खाली रखे हुए हैं।

- पिछड़े बस्तियों में तो गणना पत्रक को खराब कर दिया है। कई जगह तो गुम जाने की जानकारी दी है।

छह विधानसभा में गणना पत्रक डिजिटल की स्थिति

विधानसभा पत्रक

भितरवार 66.03 फीसदी

ग्वालियर ग्रामीण 53.16 फीसदी

ग्वालियर 38.11 फीसदी

ग्वालियर पूर्व 41.66 फीसदी

ग्वालियर दक्षिण 39.09 फीसदी

डबरा 48.41 फीसदी