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त्योहार की रौनक फीकी, शहर बेहाल, सडक़ टूटी, लाइट बंद, कचरे के ढेर, जाम से लोग परेशान

दीपावली शुरू होने में अब सिर्फ 15 दिन बचे हैं, लेकिन नगर निगम की उदासीनता ने पहले ही त्योहार का मजा किरकिरा कर दिया है। घर-दुकान की सफाई करना आपके हाथ में है, लेकिन घर से बाहर निकलते ही जर्जर सडक़ें, अंधेरी गलियां, जाम और कचरे के ढेर आपका स्वागत करते हैं।

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gwalior nagar nigam office

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दीपावली शुरू होने में अब सिर्फ 15 दिन बचे हैं, लेकिन नगर निगम की उदासीनता ने पहले ही त्योहार का मजा किरकिरा कर दिया है। घर-दुकान की सफाई करना आपके हाथ में है, लेकिन घर से बाहर निकलते ही जर्जर सडक़ें, अंधेरी गलियां, जाम और कचरे के ढेर आपका स्वागत करते हैं। करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी ने एलईडी लगाई पर इसमें से अधिकतर लाइटें जलती ही नहीं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए, शिकायतें दर्ज हुईं, मगर सुनवाई आज तक नहीं।

अफसरों की लापरवाही से बिगड़े हालात

सडक़ें और सीवर : वीआईपी इलाकों को छोड़ हर वार्ड में सडक़ें टूटी, गड्ढों और खुले सीवर चेंबर से हादसों का खतरा।

स्ट्रीट लाइटें : पूरे शहर में अधिकतर लाइटें बंद, कर्मचारी खराब लाइट ले जाते तो हैं पर वापस लगाते नहीं। नतीजा, अंधेरे में शहर और हादसे का डर।

कचरा और गंदगी : रोज़ाना 500 टन कचरा निकलता है, निगम 100 टन उठाता ही नहीं। नतीजा, गली-मोहल्लों में गंदगी के ढेर।

जाम की मार : अवैध पार्किंग और वाहन खड़े होने से हर सडक़ पर रेंगते वाहन, लोग त्रस्त।

बैठकों में सिर्फ चर्चाएं, समाधान शून्य

स्मार्ट सिटी योजना के नाम पर अफसर खुद को गौरवान्वित बताते हैं, लेकिन हर बैठक में सवाल वही सडक़, सीवर, गंदगी और बंद लाइटें कब सुधरेंगी? सीएम हेल्पलाइन पर 3000 से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग हैं। कर्मचारी अब बीएलओ डयूटी का बहाना बनाकर जनता की समस्याओं से पल्ला झाड़ रहे हैं।

मैदान में उतरे अफसर
त्योहार की रौनक तभी लौटेगी जब जिम्मेदार अफसर सिर्फ मीटिंग और कागजी योजनाओं तक सीमित न रहकर मैदान पर उतरें। वरना इस बार रोशनी के त्योहार में भी शहर अंधेरे और गंदगी में डूबा नजर आएगा।