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अब पांच से पंद्रह रुपए बढ़ाकर देनी होगी मंडी में फसलों की बोली

हनुमानगढ़. जिले की कृषि उपज मंडी समितियों में अब किसी भी जिंस की प्राइवेट बोली पांच से पंद्रह रुपए तक बढ़ाकर लगानी होगी। तभी बोली आगे बढ़ेगी।

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अब पांच से पंद्रह रुपए बढ़ाकर देनी होगी मंडी में फसलों की बोली

अब पांच से पंद्रह रुपए बढ़ाकर देनी होगी मंडी में फसलों की बोली

-पहले एक रुपए बढ़ाकर बोली लगाने की थी प्रक्रिया, पंजीकृत खरीददारों को नई व्यवस्था के अनुसार लगानी होगी बोली
-किसानों की सलाह पर मंडी समिति ने बोली का बढ़ाया रेट, बोली से पहले मंडी स्टॉफ की ओर से जारी होंगे टोकन
हनुमानगढ़. जिले की कृषि उपज मंडी समितियों में अब किसी भी जिंस की प्राइवेट बोली पांच से पंद्रह रुपए तक बढ़ाकर लगानी होगी। तभी बोली आगे बढ़ेगी। इस तरह का आदेश मंडी समिति अधिकारियों ने जारी कर दिया है। इसमें बताया गया है कि नई व्यवस्था के तहत कोई भी अधिकृत खरीददार मंडी में कृषि जिंसों की बोली तभी दे सकेगा, जब वह निर्धारित फसल रेट से पांच रुपए बढ़ाकर बोली देगा। इससे कम रेट पर बोली मान्य नहीं होगी। व्यापारियों व किसानों के सहमति के आधार पर उक्त नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें अब बोली से पहले मंडी स्टॉफ की ओर से टोकन जारी किए जाएंगे। बोली पूर्ण होने के बाद आपसी सहमति से हुए विक्रय को किसी भी स्थिति में बोली रजिस्टर में इंद्राज नहीं किया जाएगा। बोली स्थल पर नमी जांचने वाली मशीन को अनिवार्य रूप से रखा जाएगा। इससे पूर्व तक मंडी में अधिकृत खरीददार मंडी समिति स्टॉफ की ओर से निर्धारित बोली रेट के बाद एक-एक रुपए बढ़ाकर बोली देते थे। इससे बोली पूर्ण होने में काफी लंबा वक्त लग जाता था। अब कम से कम पांच रुपए बढ़ाकर बोली लगाने का आदेश जारी होने से पहले की तुलना में बोली प्रक्रिया जल्दी पूर्ण हो सकेगी।

मंडी में नहीं हुआ काम
जिले की मंडियों में शुक्रवार को धानका मजदूरों की हड़ताल के चलते कामकाज ठप रहा। कृषि विपणन विभाग के उप निदेशक डीएल कालवा ने बताया कि किसी भी मंडी में कृषि जिंसों की बोली नहीं हुई। इस संबंध में धानका समाज ने पूर्व में ही ज्ञापन सौंपकर अवगत करवा दिया था।

आदेश जारी
मंडी में कृषि जिंसों की बोली पांच रुपए बढ़ाकर देने को लेकर शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं। इससे बोली प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सकेगी। इस संबंध में किसानों व व्यापारियों के बीच सहमति बनने के बाद आदेश जारी किए गए हैं।
-विष्णुदत्त शर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति हनुमानगढ़