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भाखड़ा नहर को मरम्मत की दरकार, रीलाइनिंग की मांग को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन

हनुमानगढ़. भाखड़ा की करणी सिंह व सार्दुल सिंह ब्रांच नहर को बने करीब छह दशक बीत गए हैं। जगह-जगह से लाइनिंग टूट गई है।

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भाखड़ा नहर को मरम्मत की दरकार, रीलाइनिंग की मांग को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन

भाखड़ा नहर को मरम्मत की दरकार, रीलाइनिंग की मांग को लेकर मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन

-मुख्य अभियंता ने दिया आश्वासन, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कार्य योजना बनाने की कही बात
-किसानों ने कहा, कम पानी से हो रहा आर्थिक नुकसान
हनुमानगढ़. भाखड़ा की करणी सिंह व सार्दुल सिंह ब्रांच नहर को बने करीब छह दशक बीत गए हैं। जगह-जगह से लाइनिंग टूट गई है। इसलिए नहर में क्षमता के अनुसार पानी नहीं चलाया जा रहा है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। खेतों में उत्पादन प्रभावित हो रहा है। यह बात जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने हुई बैठक में भाखड़ा क्षेत्र से जुड़े किसानों ने कही। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं हो रही है। लेकिन अब सभी एकजुट होकर इस मांग को लेकर संघर्ष करेंगे। भाखड़ा नहर की रीलाइनिंग की मांग को लेकर किसानों व नहर अध्यक्षों का प्रतिनिधि मंडल मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी से मिला। उक्त मांग को लेकर सभी ने खूब नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। मुख्य अभियंता ने कहा कि नहर की स्थिति वाकई में ठीक नहीं है। फिर भी प्रॉपर निगरानी करके हम अधिकतम पानी चला रहे हैं। किसानों की मांग पर मुख्य अभियंता ने कहा कि मैं पांच मई को नहर की स्थिति देखकर आ गया हूं। विभाग इस संबंध में प्रयासरत है। इस कार्य को लेकर जनवरी तक कार्य योजना तैयार होने की बात कही। प्रतिनिधि मंडल ने उक्त मांग को लेकर मुख्य अभियंता को ज्ञापन भी सौंपा। किसानों का कहना था कि इन नहरों की जर्जर हालत के कारण पर्याप्त जल उपलब्ध होने के बावजूद खेतों तक पूरा पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जिससे कृषि उत्पादन पर गंभीर असर पड़ रहा है। भाखड़ा क्षेत्र किसान संघर्ष समिति के अशोक चौधरी ने कहा कि भाखड़़ा परियोजना की सार्दुल और करणी ब्रांच नहरें वर्षों से मरम्मत के अभाव में अत्यंत खराब स्थिति में हैं। उन्होंने बताया कि कई स्थानों पर नहर की लाइनिंग टूट चुकी है। जिससे पानी का भारी रिसाव हो रहा है और निचले क्षेत्र के किसान सिंचाई के लिए पानी से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को तुरंत प्रभाव से इन नहरों की डीपीआर तैयार करवाकर कार्यवाही शुरू करनी चाहिए। किसान नेता ओम जांगू ने कहा कि सार्दुल ब्रांच की क्षमता 1242 क्यूसेक और करणी ब्रांच की क्षमता 559 क्यूसेक निर्धारित है। परंतु लाइनिंग खराब होने के कारण यह क्षमता पूरी तरह उपयोग में नहीं आ पा रही। उन्होंने कहा कि जब तक इन नहरों की मरम्मत नहीं होगी, तब तक भाखड़ा क्षेत्र के किसानों को उनकी हिस्सेदारी का पूरा पानी नहीं मिल सकेगा। पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ ने कहा कि वर्तमान रेगुलेशन के अनुसार भाखड़ा नहरों की पूर्ण बंदी 24 मार्च 2026 से प्रस्तावित है। इस अवधि में सरकार को चाहिए कि बजट मंजूर करके नहर की रीलाइनिंग करवाए। जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर, कांग्रेस नेता रणवीर सिहाग, सुखदेव जाखड़, कृष्ण जैन, कुलदीप नैण, मनप्रीत सिंह, विजय सिंह जांगू, भानीराम मूंड, कुलविंदर ढिल्लो, हरप्रीत सिंह, रघुवीर वर्मा आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने ‘साठ बरस पहले बनी नहरें हुई जर्जर, नुकसान उठा रहे हमारे हजारों किसान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित करके किसानों के उक्त मांग को आवाज देने का प्रयास किया। इसके बाद सभी एकजुट होकर इस मंाग को लेकर मुखर हो रहे हैं।

कई बार अफसरों को करवाया अवगत
किसानों ने बताया कि कई बार विभागीय अधिकारियों को मौखिक और लिखित रूप में अवगत करवाया। परंतु अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस कारण भाखड़ा क्षेत्र के सैकड़ों किसान आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। विभाग अगर समय पर डीपीआर बना दे तो किसान एकजुट होकर सरकार से बजट मंगवाने के लिए सरकार को भी घेरेंगे। इस मौके पर सार्दुल एवं करणी ब्रांच में सिंचाई पानी की मात्रा बढ़ाने के लिए लाइनिंग की अस्थाई मरम्मत के लिए सहायक अभियंता के नेतृत्व में दो कनिष्ठ अभियंताओं एवं तीन किसान प्रतिनिधियों की कमेटी बनाने पर सहमति बनी। जो मरम्मत करवाने के स्थान चिन्ह्ति करेगी।

पानी जा रहा पाकिस्तान, हमारे खेत सूखे
मुख्य अभियंता के साथ हुई वार्ता में किसान नेता ओम जांगू ने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि हम सिंधु का पानी रोकेंगे। लेकिन यहां हालात ऐसे हैं कि अपनी नदियों के पानी को हम नहीं रोक पा रहे हैं। इस बार भी पानी लगातार पाकिस्तान गया है। लेकिन हमारी नहरों में क्षमता के अनुसार पानीं चला। क्योंकि नहरें जर्जर हो गई है। तत्काल प्रभाव से नहर के दोबारा निर्माण की डीपआर बनाने की मांग की।