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Rajasthan: ट्रेन आई तो बच्ची घबराकर रेलवे ट्रैक पर दौड़ी, 59 साल के तुलसीराम बने देवदूत; ऐसे बचाई जान

Hanumangarh News: नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ने की खबरों के बीच एक सुखद खबर रविवार को सामने आई।

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ट्रेन। पत्रिका फाइल फोटो

नोहर (हनुमानगढ़)। नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ने की खबरों के बीच एक सुखद खबर रविवार को सामने आई। जब इंसानियत ने बच्ची का हाथ थामकर उसे मौत के मुंह में जाने से बचा लिया। दरअसल, कॉलेज रेलवे फाटक के नजदीक स्थित झुग्गी झोपड़ी के दो-तीन बच्चे रेलवे लाइन के पास खेल रहे थे।

इस दौरान पीछे की तरफ से ट्रेन आ गई। ट्रेन को देखकर अन्य बच्चे तो भाग गए, लेकिन एक आठ वर्षीय बच्ची घबराकर रेलवे ट्रैक बीच में ही दौड़ने लगी।

तभी आउटर सिग्नल के पास खड़े 59 वर्षीय स्कूल संचालक तुलसीराम की नजर बच्ची पर पड़ गई। बच्ची को खतरे में देखकर तुलसीराम दौड़ते हुए पटरी तक पहुंचे और बच्ची का हाथ पकड़कर झटके से खींचकर सुरक्षित बचा लिया।

क्षण भर की भी देर होती तो हो जाती अनहोनी

पीछे से आ रही ट्रेन और बच्ची के बीच सिर्फ कुछ कदम का फासला रह गया था। इस दौरान दोनों गिर पड़े और पत्थरों से हल्की चोट भी आई।

नजारा देखकर हर कोई स्तब्ध

इस नजारे ने आसपास मौजूद हर किसी को स्तब्ध कर दिया। यह देख लोग अवाक रह गए, फिर सभी ने राहत की सांस ली। वहां मौजूद महिला कांस्टेबल सावित्री देवी ने कहा कि तुलसीराम ने वाकई बहादुरी का काम किया है। क्षण भर की देर होती तो बच्ची की जान जा सकती थी।