
Haldi Ke Side Effects (Photo- freepik)
Haldi Ke Side Effects: सर्दियों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में हल्दी का यूज काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ये हमारे घर की रसोई में रोज इस्तेमाल होने वाला मसाला है। खाने का रंग-स्वाद बढ़ाने से लेकर शरीर में सूजन कम करने तक इसके फायदे खूब सुने जाते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) नाम का तत्व इसके ज्यादातर औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि आजकल लोग हल्दी को सिर्फ मसाले की तरह नहीं, बल्कि सप्लीमेंट या चूर्ण के रूप में भी ज्यादा मात्रा में लेने लगे हैं।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हल्दी का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर पर उल्टा असर भी डाल सकता है, खासतौर पर तब, जब इसे बहुत अधिक मात्रा में या लंबे समय तक लिया जाए। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि ज्यादा हल्दी खाने से कौन-कौन से साइड इफेक्ट हो सकते हैं और इससे कैसे बचें।
हल्दी की बड़ी या कॉन्सन्ट्रेटेड मात्रा पेट पर भारी पड़ सकती है। जब कोई व्यक्ति हल्दी के कैप्सूल, चूर्ण या हाई-डोज़ सप्लीमेंट लेता है, तो यह पेट की लाइनिंग को चिढ़ा सकता है। इसके कई लक्षण जिसमें जी मिचलाना, ढीला पेट या दस्त, पेट में ऐंठन, सूजन या गैस, कभी-कभी हल्का हार्टबर्न शामिल है। जिन लोगों का पेट पहले से संवेदनशील है, उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को तोड़ने और शरीर से बाहर निकालने का काम लीवर करता है। जब हल्दी की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है, खासकर पिपरिन (काली मिर्च) के साथ, तो यह लीवर पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है। हालांकि गंभीर मामले बहुत कम हैं, लेकिन लगातार हाई डोज लेने से लीवर एंजाइम बढ़ सकते हैं। इसके लक्षण में दाईं तरफ पेट में हल्का दर्द या भारीपन, जल्दी थकान, ज्यादा गंभीर स्थिति में आंख या त्वचा पीली पड़ना, ब्लड टेस्ट में लीवर एंजाइम बढ़ जाना शामिल है।
हल्दी में हल्का ब्लड-थिनिंग (खून पतला करने वाला) असर भी होता है। इस वजह से यह कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकती है, खासतौर पर अगर कोई व्यक्ति खून पतला करने वाली दवाइयां ले रहा हो। इसके अलावा, करक्यूमिन शरीर में दवाइयों को मेटाबोलाइज करने वाले एंजाइम्स पर असर डाल सकता है, जिससे दवा जरूरत से ज्यादा या कम काम कर सकती है। इसके लक्षण में आसानी से चोट के निशान पड़ना, नाक से खून आना, चक्कर या कमजोरी, दवा का असर कम या ज्यादा लगना शामिल है।
बहुत ज्यादा हल्दी शरीर में आयरन के अवशोषण को कम कर सकती है। यह उन लोगों के लिए समस्या बन सकती है, जिन्हें पहले से आयरन की कमी या एनीमिया हो। इसके लक्षण में थकावट, शरीर में कमजोरी, पीला दिखना, हल्की सांस फूलना शामिल है।
कुछ लोगों में हल्दी या सप्लीमेंट में मौजूद अन्य तत्वों से एलर्जी भी हो सकती है। इसके लक्षण में खुजली, दाने निकलना, लालपन, चेहरे या होंठों पर हल्की सूजन, सांस लेने में हल्की दिक्कत शामिल है।
हल्दी के फायदे तभी मिलते हैं जब इसे संतुलित मात्रा में लिया जाए। यहां कुछ आसान टिप्स हैं। खाना पकाने में हल्दी का सामान्य उपयोग बिल्कुल सुरक्षित है। हाई-डोज सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अगर आप खून पतला करने वाली दवाइयां लेते हैं, तो सप्लीमेंट से बचें। पेट कमजोर है तो खाली पेट हल्दी वाले सप्लीमेंट न लें। अगर लीवर की कोई दिक्कत है, तो नियमित उच्च मात्रा बिल्कुल न लें। किसी भी तरह का रिएक्शन दिखे तो तुरंत सेवन रोक दें। हल्दी एक फायदेमंद मसाला है, लेकिन हर अच्छी चीज की तरह इसे भी सीमित मात्रा में ही लेना सुरक्षित रहता है। सही तरीका अपनाकर आप हल्दी के गुणों का पूरा लाभ ले सकते हैं, बिना किसी अनचाहे साइड इफेक्ट के।
Published on:
02 Dec 2025 03:32 pm
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