
Excessive heart palpitations can be fatal (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Heart Palpitation : आज की भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल में दिल की सेहत का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। हार्ट का काम है धड़कना और जब यह सही गति से धड़कता है, तब हम स्वस्थ महसूस करते हैं। मगर क्या आपने कभी महसूस किया है कि अचानक आपकी धड़कनें तेज हो जाती है। ऐसा लगा जैसे दिल सीने में तेजी से फड़फड़ा रहा हो? इसे ही धड़कन का बढ़ना (Heart Palpitation) कहते हैं, और इसे नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
दिल की पल्पिटेशन का तेज होना हमेशा किसी गंभीर बीमारी की निशानी नहीं होता। व्यायाम (Exercise) करते समय, तनावपूर्ण (stressful) स्थिति में या गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान यह बिल्कुल सामान्य है। असल में जब आपके दिमाग (brain) से तेज काम करने के सिग्नल मिलते हैं तो दिल की गति बढ़ जाती है।
लेकिन, अगर यह बार-बार हो, और इसके साथ आपको पसीना आए, शरीर ठंडा पड़ने लगे, या फिर बेहोशी (fainting) महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ये लक्षण दिल के दौरे (Heart Attack) या किसी दूसरी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं।
धड़कनों के अनियमित होने के कई कारण हो सकते हैं:
तनाव और चिंता (Stress and Anxiety): आजकल की लाइफ स्टाइल में तनाव धड़कनों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
बुरी आदतें: शराब (alcohol) और सिगरेट (cigarette) का सेवन दिल की गति को बिगाड़ता है।
स्वास्थ्य समस्याएं: शरीर में ख़ून की कमी (Anemia), ब्लड प्रेशर का असंतुलन, और थायराइड की समस्या भी अनियमित धड़कन की वजह बनती हैं।
अपनी धड़कनों को काबू में रखने और दिल को स्वस्थ बनाने के लिए ये पाँच आसान तरीक़े अपनाएं:
जब भी लगे कि दिल तेज धड़क रहा है, तो बस एक मिनट के लिए रुक जाएं। गहरी सानस (deep breath) अंदर लें और फिर धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। प्राणायाम की यह क्रिया तंत्रिका तंत्र (nervous system) को शांत करती है और दिल की गति तुरंत सामान्य होने लगती है। यह तनाव कम करने का भी अचूक तरीका है।
अगर धड़कनें बहुत तेज हो जाएं, तो ठंडे पानी का उपयोग करें। ठंडा पानी पीने या ठंडे पानी से मुंह धोने से एक खास 'Diving Reflex' सक्रिय होता है जो तुरंत दिल की गति को धीमा करने में मदद करता है। यह एक त्वरित (quick) उपाय है।
आयुर्वेद में हृदय के लिए कई अमूल्य चीजें बताई गई हैं:
तुलसी और शहद: सुबह खाली पेट तुलसी के कुछ पत्ते शहद के साथ खाने से दिल को मजबूती मिलती है।
अर्जुन की छाल (Arjuna Bark): इसे 'हृदय का अमृत' कहा जाता है। रोजाना खाली पेट अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से दिल से जुड़ी कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
गिलोय (Giloy) और अश्वगंधा (Ashwagandha) दोनों ही तनाव (Stress) और चिंता (Anxiety) को कम करते हैं। चूंकि तनाव दिल की धड़कनें बढ़ाने का मुख्य कारण है, इसलिए इनका सेवन करने से दिल पर पड़ने वाला दबाव कम होता है और धड़कन सामान्य बनी रहती है।
कॉफी, चाय या अन्य कैफीनयुक्त (caffeinated) पेय पदार्थों का अत्यधिक सेवन धड़कन को तेज कर सकता है। इसी तरह, डिब्बाबंद (packaged) जूस और अन्य मीठे पेय पदार्थों से दूर रहें, क्योंकि इनमें मौजूद अतिरिक्त शुगर और प्रिजर्वेटिव आपके दिल की सेहत के लिए अच्छे नहीं होते। सादा पानी और ताजे फलों का रस ही पीएँ।
अगर ये साधारण उपाय करने के बाद भी आपकी समस्या बनी रहती है, तो बिना देर किए किसी हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist) से संपर्क करें। स्वस्थ और नियमित धड़कनें ही लंबी उम्र की निशानी हैं।
Published on:
01 Oct 2025 06:13 pm
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