
Medical conditions shown on tongue|फोटो सोर्स –Freepik
Warning Signs on Tongue: हमारी जीभ सिर्फ स्वाद चखने का काम नहीं करती, बल्कि यह शरीर के अंदर चल रही कई गड़बड़ियों का संकेत भी देती है। जीभ का रंग, बनावट, परत या उस पर दिखाई देने वाले छोटे-छोटे बदलाव हमारी सेहत का हाल बताने वाले अहम संकेत हो सकते हैं। अक्सर लोग इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही छोटे बदलाव किसी बड़ी कमी, संक्रमण या बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं। इसलिए जीभ पर दिखने वाले हर असामान्य परिवर्तन को गंभीरता से लेना जरूरी है।
कई लोग अचानक आईने में अपनी जीभ पर काला या गहरा भूरा रंग देखकर घबरा जाते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह अक्सर तब होता है जब जीभ की सतह पर मौजूद पपिलाएं पुरानी परतें छोड़ नहीं पातीं। इस परत में चाय, कॉफी, तंबाकू या धूम्रपान का रंग चिपक जाता है। कुछ दवाइयां खासकर एंटीबायोटिक्स भी ऐसा बदलाव ला सकती हैं। राहत की बात यह है कि यह स्थिति आमतौर पर हानिरहित होती है और जीभ साफ रखने से धीरे-धीरे ठीक हो जाती है।
हल्की जलन, चुभन या दर्द अक्सर तनाव, मसालेदार खाना, मुँह की सूखापन या छोटे छालों का नतीजा होता है। लेकिन अगर यह दर्द कई दिनों तक बना रहे, या इसके साथ बार-बार छाले, ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव या लंबे समय तक सूखापन महसूस हो, तो यह किसी मेडिकल स्थिति का संकेत हो सकता है।
कुछ लोगों की जीभ पर प्राकृतिक रूप से पतली या गहरी दरारें होती हैं, जिसे फिशर्ड टंग कहा जाता है। यह आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होती, लेकिन पानी की कमी, विटामिन की कमी या शोज़्रेन सिंड्रोम जैसी ऑटोइम्यून स्थितियों में यह अधिक स्पष्ट हो सकती है। इन दरारों में भोजन फँसने से कभी-कभी जलन या बदबू हो सकती है।
कई लोग बताते हैं कि जीभ बिल्कुल सामान्य दिखती है, लेकिन उसमें लगातार जलन या चुभन रहती है। इसे बर्निंग माउथ सिंड्रोम कहा जाता है। इसके पीछे पोषण की कमी, एसिड रिफ्लक्स, एलर्जी, तनाव, दवाइयां या नसों से जुड़े कारण छिपे हो सकते हैं।
अगर जीभ सामान्य से बड़ी लगे, बोलने में अटकन हो या रात में सांस लेने में परेशानी आए, तो यह मैक्रोग्लॉसिया हो सकता है। यह थायरॉयड, हार्मोनल बदलाव या किसी जन्मजात कारण से भी हो सकता है।
Published on:
17 Nov 2025 11:28 am
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