
Chewing Gum Benefits (photo- gemini ai)
Chewing Gum Benefits: हम में से कई लोग च्युइंग गम को बस एक हल्का-फुल्का स्नैक समझते हैं। लेकिन हाल के सालों में इसके दिमाग, ध्यान और स्ट्रेस पर असर को लेकर वैज्ञानिकों की दिलचस्पी बढ़ी है। खासकर प्रेशर वाली स्थिति में लोग जब गम चबाते हैं, तो शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ता है। इस पर कई नई स्टडी सामने आई हैं। यही वजह है कि अब खिलाड़ी से लेकर स्टूडेंट्स तक, च्युइंग गम को ध्यान बढ़ाने और शांत रहने के एक आसान तरीके के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि गम चबाने की रिदमिक (लगातार चलने वाली) मूवमेंट दिमाग के उन हिस्सों को एक्टिव करती है जो रिलैक्सेशन से जुड़े होते हैं। खाना खाते समय भी शरीर इसी तरह का सिग्नल महसूस करता है यानी सब ठीक है, आप सुरक्षित हैं।
चबाने की रेगुलर गतिविधि दिमाग को शांत करती है, जिससे कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) कम होता है। दिमाग में ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे फोकस और अलर्टनेस बेहतर होती है। फ्लेवर (मिंट, स्वीट, फ्रूटी) एक ग्राउंडिंग इफेक्ट देता है, जिससे तनाव के समय मन स्थिर रहता है। कई लोग बताते हैं कि पढ़ाई या ऑफिस के काम में गम चबाने से मन भटकता नहीं और काम ज्यादा आराम से होता है। इन सभी कारणों से गम चबाना स्ट्रेस मैनेजमेंट का एक आसान और तुरंत काम करने वाला तरीका बन गया है।
फिटनेस कोच गुरजीत कौर के एक वायरल वीडियो ने दिखाया कि मैच के दौरान खिलाड़ी गम क्यों चबाते हैं। उनकी बातें साइंस से भी मैच करती हैं। गम चबाने से खिलाड़ी मानसिक रूप से शांत रहते हैं और प्रेशर में भी फोकस बनाए रखते हैं। साइंटिफिक जर्नल ऑफ स्पोर्ट एंड परफॉर्मेंस में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक इससेे स्ट्रेस कम होता है, इससे फैसले लेने की क्षमता बढ़ती है। दिमाग में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे रिएक्शन टाइम बेहतर होता है। लंबी गेम के दौरान भी फोकस गिरता नहीं, दिमाग एक्टिव रहता है। रिदमिक चबाना एक स्टेबल रूटीन की तरह काम करता है, जिससे खिलाड़ी का मन डगमगाता नहीं। इसी वजह से फुटबॉल, क्रिकेट, टेनिस और कई अन्य खेलों में खिलाड़ी अक्सर गम चबाते दिखते हैं।
च्युइंग गम सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी फायदेमंद है। स्टूडेंट्स के लिए लंबी पढ़ाई में ध्यान बनाए रखने में मदद। ड्राइवर्स के लिए लंबी ड्राइव में नींद या थकान को कम करने में असरदार। ऑफिस वर्कर्स फोकस्ड काम जैसे डेटा एंट्री, लिखने या प्लानिंग में मदद। जिन लोगों को सोशल स्ट्रेस होता है प्रेजेंटेशन या मीटिंग पहले मानसिक शांति देती है।
इसमें कोई कैफीन नहीं, लेकिन दिमाग को तुरंत एक्टिव कर देता है। छोटा, आसान और हर जगह ले जाने लायक। बोरियत या अनजाने में स्नैकिंग करने की आदत को भी कम करता है। लंबे काम के दौरान एक ग्राउंडिंग टेक्निक की तरह काम करता है।कुल मिलाकर, च्युइंग गम एक छोटा-सा लेकिन असरदार तरीका है फोकस, मूड और स्ट्रेस को बेहतर करने का।
Published on:
28 Nov 2025 10:29 am
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