
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: एमपी के इंदौर शहर में ट्रैफिक सुधार के लिए सवा दो साल पहले बनी नए बायपास की योजना के काम में अफसर लेटलतीफी कर रहे हैं। स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया के बाद 5 गांवों की जमीन प्रशासन ने एनएचएआइ को सौंप दी है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है। अधिकारियों ने अक्टूबर में एक महीने में काम शुरू करने का दावा किया था।
वर्तमान बायपास ओवरलोड होने से पूर्वी और पश्चिमी आउटर बायपास का निर्माण प्रस्तावित है। पश्चिमी बायपास की स्वीकृति जून 2023 में हुई। मार्च 2024 में 1880 करोड़ के टेंडर होने के साथ भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई। 64 किमी के पश्चिमी बायपास के लिए अहमदाबाद की कंपनी को ठेका दिया गया है। दो चरण में सड़क निर्माण की लागत 996 और 884 करोड़ है। टेंडर को डेढ़ साल से ज्यादा समय होने के बाद भी भू-अर्जन पूरा नहीं हो सका है।
एनएचएआइ के अनुसार, धारा 3-ए और 3-डी के प्रकाशन के बाद अधिग्रहित होने वाली जमीनें चिन्हित हैं। आठ किमी में पीथमपुर से सड़क शुरू होगी। इसके बाद 12 किमी देपालपुर, 20 किमी हातोद, 14 किमी सांवेर से होते हुए सड़क गुजरेगी। बायपास बनाने के लिए 31 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है।
जैतपुरा, मुंडला हुसैन, धतूरिया, ब्राह्मण पीपल्या और एक अन्य गांव की जमीन एनएचएआइ को मिल चुकी है। इस सप्ताह कुछ गावों की जमीन और मिल जाएगी। अधिकारियों की धीमी कार्यशैली के चलते लंबे समय से महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो रहा है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण यादव ने बताया कि हमें पार्ट में जमीन मिल रही है। अगले महीने काम शुरू कर देंगे।
Published on:
18 Nov 2025 12:17 pm
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