
Indore News: (फोटो: सोशल मीडिया)
Indore: शहर के मौजूदा बायपास और रिंग रोड से ट्रैफिक कम करने के लिए दो साल पहले ग्रेटर बायपास बनाने की योजना शुरू हुई। दो हिस्सों में बनने वाले नए बायपास के पश्चिमी हिस्से में जमीन अधिग्रहण चल रहा है और टेंडर भी हो चुका है, लेकिन पूर्वी बायपास के टेंडर तो दूर जमीन अधिग्रहण का सर्वे तक नहीं हो पा रहा है। जमीन मालिक एनएचएआइ के अधिकारियों को सर्वे नहीं करने दे रहे हैं।
मालूम हो, वर्तमान बायपास छोटा पड़ने से एनएचएआइ ने करीब दो साल पहले नए बायपास की योजना बनाई थी। पूर्वी और पश्चिमी का दो हिस्सों में निर्माण होना था। दोनों का निर्माण एनएचएआइ द्वारा करने के कारण अलग-अलग टेंडर हुए थे। इस बीच एमपीआरडीसी द्वारा पूर्वी और एनएचएआइ द्वारा पश्चिमी रोड बनाने की कवायद हुई। इससे एनएचएआइ ने पूर्वी बायपास के टेंडर निरस्त कर दिए।
एनएचएआइ पश्चिम बायपास निर्माण के लिए आगे बढ़ा, लेकिन पूर्वी बायपास अटक गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हस्तक्षेप से पूर्वी बायपास का जिम्मा फिर एनएचएआइ को मिला। अब नए सिरे से पूर्वी बायपास के लिए सर्वे और टेंडर होना है।
पश्चिमी बायपास के लिए दो साल में 5 गांवों की जमीन प्रशासन ने एनएचएआइ को सौंप दी है। ८ किमी में पीथमपुर से सड़क शुरू होकर 12 किमी देपालपुर, 20 किमी हातोद, 14 किमी सांवेर से सड़क गुजरेगी। पश्चिम बायपास बनाने के लिए 31 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। जैतपुरा, मुंडला हुसैन, धतूरिया, ब्राह्मण पीपल्या व एक अन्य गांव की जमीन मिल चुकी है। एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार, 80 प्रतिशत जमीन मिलने के बाद काम शुरू होगा।
अधिकारियों के अनुसार, पूरे बायपास के निर्माण और जमीन अधिग्रहण में करीब 6 हजार करोड़ खर्च होंगे। पश्चिमी बायपास के लिए अहमदाबाद की कंपनी को दो चरण में होने वाली सड़क निर्माण का ठेका 996 और 884 करोड़ में दिया गया है। 2100 करोड़ में पूर्वी रिंग रोड के टेंडर जारी किए थे, जो निरस्त हो चुके हैं। अब नए सिरे टेंडर किए जाएंगे।
पूर्वी बायपास के लिए भू-अर्जन विभाग ने बिचौली हप्सी, कनाड़िया, खुड़ैल, महू और सांवेर तहसील के 47 गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई है। नए बायपास से मुंबई से देवास की ओर जाने वाले वाहनों को राहत मिलेगी। 640 हेक्टेयर में 77 किमी की सिक्स लेन सड़क बनेगी। इसके लिए 2100 करोड़ के टेंडर जारी हुए थे। यह काम तीन चरण में करने के लिए 600, 700 और 800 करोड़ के टेंडर हुए थे। पूर्वी बायपास 2100 और पश्चिमी 1880 करोड़ में बनेगा।
इंदौर के एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण यादव ने बताया कि धारा 3-ए के प्रकाशन के बाद धारा 3-डी का प्रकाशन हो चुका है। टीम सर्वे करने जाती है तो विरोध होता है। ऐसे में काम नहीं कर पा रहे हैं। जिन जमीनों का अधिग्रहण होना है, उनमें इंदौर और देवास जिला शामिल है। यहां स्थानीय प्रशासन और पुलिस से मदद मांगी है।
Updated on:
22 Nov 2025 10:59 am
Published on:
21 Nov 2025 10:21 am
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