
social media accounts
social media accounts : सोशल मीडिया के दुष्परिणामों से बच्चों को बचाने और आर्थिक व आपराधिक गतिविधियों से सुरक्षित करने के उद्देश्य से देश में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 पूरी तरह से लागू हो गया है। इस एक्ट के अंतर्गत अब कोई भी 18 साल से कम उम्र का बच्चा या टीनएजर्स बिना पैरेंट्स की अनुमति के सोशल मीडिया पर एकाउंट नहीं बना सकेंगे। जिसके बाद पैरेंट्स ने इसे अच्छा कदम बताया है। यदि कोई बच्चा सोशल मीडिया पर एकाउंट बनाना चाहता है तो कंपनियों को बच्चों के डेटा को प्रोसेस करने से पहले उनके पैरेंट्स की अनुमति लेनी होगी। यह प्रक्रिया ओटीपी-आधारित होगी। सबसे बड़ी बात ये कि पैरेंट्स को किसी भी समय अपनी अनुमति वापस लेने का ऑप्शन भी मिलेगा।
पैरेंटल कंसेंट- सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब बनाने से पहले बच्चों को अपने माता-पिता से इजाजत लेनी होगी।
प्रोसेस- माता-पिता के फोन पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, जो अकाउंट बनाने के लिए उनकी सहमति का प्रमाण होगा।
डेटा सिक्योरिटी- माता-पिता की अनुमति मिलने के बाद ही कंपनी बच्चे के व्यक्तिगत डेटा का उपयोग कर सकती है।
कंसेंट विड्रॉल- माता-पिता किसी भी समय अपनी सहमति को वापस ले सकते हैं, अगर उन्हें लगता है कि उनकी जानकारी का गलत इस्तेमाल हो रहा है।
ऑब्जेक्टिव- इस कदम का उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन खतरों जैसे साइबरबुलिंग, धोखाधड़ी और अन्य जोखिमों से बचाना है।
ऑनलाइन गतिविधियों पर नजऱ रखें- यह निगरानी सख्ती से नहीं, बल्कि समझदारी और बातचीत से करें ताकि बच्चे सहज महसूस करें।
समय-सीमा निर्धारित करें- बच्चों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल का एक निश्चित समय निर्धारित करें और उन्हें अन्य गतिविधियों, जैसे पढ़ाई और खेल-कूद के लिए भी प्रेरित करें।
ऑनलाइन खतरों के बारे में बताएं- बच्चों को साइबरबुलिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी और अजनबियों से जानकारी साझा न करने के खतरों के बारे में समझाएं
देश में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 अब नियमों के साथ पूरी तरह लागू हो चुका है। सरकार ने 14 नवंबर को इसके नियमों को नोटिफाई कर दिया है। ये नियम आम लोगों की प्राइवेसी को मजबूत करने के साथ-साथ इनोवेशन और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा।
सोशल मीडिया पर बहुत कुछ ऐसा कंटेंट होता है जो बच्चों के लिए उचित नहीं है। ऐसे में पैरेंट्स को कंट्रोल मिलना एक बहुत अच्छा कदम है। इससे अब बच्चे बिना उनकी अनुमति के सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रह पाएंगे। जो कि उन्हें और उनके पैरेंट्स को कई तरह के डिजीटल खतरों से भी बचाएगा।
social media accounts : सोशल मीडिया पर कंटेंट के नाम पर फूहड़ता ज्यादा है। इसके अलावा आर्थिक अपराध भी शामिल है। ऐसे में बच्चे खुद से सोशल मीडिया पर एकाउंट बनाकर खुद के साथ पैरेंट्स को भी खतरे में डाल लेते हैं। इस पहल से वे अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। बैंकिंग फ्रॉड में भी बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा।
Updated on:
17 Nov 2025 11:20 am
Published on:
17 Nov 2025 11:19 am
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