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एमपी के इस शहर में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण, लोगों में सुनने की क्षमता तक घट रही

Noise Pollution : शहर के अधिकांश इलाकों में सुबह 11 से दोपहर 12 बजे के बीच 45 से 60 डेसिबल तक ध्वनि प्रदूषण हो रहा है। तीन पत्ती चौक व आसपास शोर इस अवधि में प्रदेश में सर्वाधिक 72.3 डेसीबल है। ये ध्वनि WHO के मानकों से दोगुना है।

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Noise Pollution

जबलपुर में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण (Photo Source- Patrika)

Noise Pollution :मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के नाम से पहचाने जाने वाले जबलपुर में कानफोड़ू शोर शहरियों का चैन-सुकून छीन रहा है। सेंट्रल सिटी एरिया से लेकर साइलेंस जोन, व्यवसायिक क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण का स्तर तय सीमा से बहुत ज्यादा है। जबलपुर के अधिकांश इलाकों में सुबह 11 से दोपहर 12 बजे के बीच 45 डेसिबल से 60 डेसिबल तक हो रहा है। तीन पत्ती चौक व आसपास शोर इस अवधि में प्रदेश में सर्वाधिक 72.3 डेसीबल है।

प्रदेश में 15 स्थानों पर स्थापित आरटीएमएस की ओर से सामने आए डाटा से इस जानकारी का खुलासा हुआ है। डब्लूएचओ के मानकों से दोगुना ध्वनि प्रदूषण होने पर सुनने की क्षमता, एकाग्रता और बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है।

अन्य शहरों में सर्वाधिक शोर वाले स्पॉट

-63.5 डेसीबल सिविल अस्पताल बैरागढ़ भोपाल

-62.2 डेसीबल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑफिस के समीप इंदौर

-68.4 डेसीबल नगर निगम मार्केट ग्वालियर