
mobile wallet
mobile wallet : आज नगद से ज्यादा ऑनलाइन पेमेंट का दौर चल रहा है। हर कोई छोटी से छोटी और बड़ी पेमेंट विभिन्न यूपीआई एप्स के माध्यम से कर रहे हैं। ये जितने आसान हैं, उतने ही खतरनाक भी साबित हो रहे हैं। अगर आप भी रोज यूपीआई पेमेंट ऑनलाइन शॉपिंग या बिल पेमेंट अपने मुख्य बैंक खाते से कर रहे हैं, तो कभी भी एक गलती आपकी पूरी जमा-पूंजी खाली कर सकती है। ऐसे में ऐसे में सेकेंड एकाउंट एक बेहतर ऑप्शन बनकर सामने आया है। इसे आसान भाषा में ‘मोबाइल पर्स’ भी कहा जा सकता है।
बैंकिंग एक्सपर्ट के अनुसार मुख्य एकाउंट से यूपीआई एप्स चलाने पर कई तरह के खतरे हैं। अधिकतर सायबर फ्रॉड केस में सामने आया है कि उन्होंने कहीं यूपीआई पेमेंट की थी जिसके बाद उनके सारे पैसे चले गए। जबकि मोबाइल वॉलेट या सेकेंड एकाउंट एक तरह का पर्स है। जिसमें उतना ही पैसा रहेगा, जितना इसमें डाला जाएगा। ये मुख्य एकाउंट से अलग होता है, तो इसमें खतरे भी कम ही होते हैं। यदि सायबर फ्रॉड होता भी है तो वॉलेट में मौजूद पैसे ही जाएंगे, मुख्य एकाउंट सुरक्षित रहेगा।
सेकेंड एकाउंट को लेकर पिछले एक सप्ताह से पूरे देश में चर्चा चल रही है। दरअसल एक निजी मोबाइल कंपनी के एमडी ने अपने ग्राहकों के लिए चिट्टी लिखी थी। जिसमें उन्होंने सायबर क्रिमिनल द्वारा अपनाई जा रहीं नई-नई तकनीकों से बचने के लिए अलर्ट किया। उन्होंने कहा कि एक अलग सेकंड अकाउंट बनाइए। इसमें सिर्फ जरूरत जितने पैसे रखिए। सारे डिजिटल पेमेंट इसी से कीजिए। इससे मुख्य खाता पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। जिसके बाद बहुत से लोगों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मोबाइल वॉलेट पर शिफ्ट होने लगे हैं।
बैंकिंग एक्सपर्ट निधि शुक्ला ने बताया मोबाइल वॉलेट पर रोज के खर्च के अनुसार पैसा रखने की सुविधा होती है। जो कि एक सुरक्षित होने के साथ खर्चे को कंट्रोल करने में हेल्प करता है। इसके अलावा कई तरह के ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहा है। इसमें आवश्यकता अनुसार पैसे कम ज्यादा किए जा सकते हैं। जबकि मुख्य एकाउंट में ऐसा नहीं किया जा सकता।
Published on:
08 Dec 2025 12:40 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
