
एसआईआर से बहुएं हलाकान (photo source- Patrika)
CG SIR Process: एसआईआर की प्रक्रिया के पहले चरण को पूरा करने के लिए एक महीने का समय तय किया गया था। अब 4 दिसंबर से पहले नाम जोडऩे और काटने का का दौर पूरा होना है। इससे पहले बस्तर ब्याही गई ऐसी बहुएं इस प्रक्रिया की वजह से परेशान हो रही हैं जिनका रिकॉर्ड बस्तर में है ही नहीं। बाहरी राज्य और छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से आई बहुओं से प्रक्रिया के तहत कहा जा रहा है कि वे अपने पिता या माता का रिकॉर्ड लाएं।
रेकॉर्ड में भी माता-पिता से जुड़े भाग संख्या, निर्वाचन क्षेत्र संख्या और क्रम संख्या मांगा जा रहा है। बीते 22 साल में बहुत कुछ बदल चुका है। ऐसे में बहुओं को यह रिकॉर्ड निकालने में दिक्कत हो रही है। नई बहुओं को ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन 20-22 साल पहले ब्याही गई महिलाओं के लिए यह जानकारी जुटाना मुश्किल हो रहा है।
बस्तर में महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों की तुलना में अधिक है। एसआईआर की प्रक्रिया महिला वोटरों की वजह से धीमी हुई है। महिलाओं को रिकॉर्ड निकालने में समय लग रहा है। शहर में काम कर रहे कुछ बीएलओ ने पत्रिका को बताया कि महिलाओं को अन्य राज्य और छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में जाकर रिकॉर्ड ढूंढना पड़ रहा है। महिलाएं जहां से बस्तर आई हैं वहां के बीएलओ भी व्यस्त हैं इसलिए फोन पर भी उन्हें उचित सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
कांग्रेस ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर अपनी निगरानी बढ़ा दी है। बस्तर लोकसभा के लिए नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक और जगदलपुर के पूर्व विधायक रेखचंद जैन लगातार इसे लेकर ब्लॉक और जिला स्तर पर बैठकें ले रहे हैं। रेखचंद ने बताया कि हम अपने कार्यकर्ताओं को समन्वय बनाने कह रहे हैं। साथ ही लोगों की मदद भी हम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के साथ भी हमने कई इलाकों का दौरा कर वहां प्रक्रिया की स्थिति देखी, लोगों से उनकी परेशानी पूछी थी। इसी क्रम में बकावंड ब्लॉक कांग्रेस की बैठक कांग्रेस भवन में हुई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला, वरिष्ठ नेता जानकीराम सेठिया,ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शिवराम बिसाई, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी करपवांड अध्यक्ष सोनाधर बघेल, हेमू उपाध्याय, परमजीत जसवाल की मौजूदगी में एसआईआर पर चर्चा की गई।
CG SIR Process: एसआईआर की प्रक्रिया से जुड़े एक अफसर ने बताया कि बीएलओ देर रात तक काम कर रहे हैं। 12 से 1 बजे रात तक काम चल रहा है। इसके बावजूद समय कम पड़ रहा है। 4 दिसंबर तक पहले चरण की प्रक्रिया को पूरा करना है। पहला चरण तय समय-सीमा तक पूरा होना मुश्किल है। अभी 12 दिन शेष हैं और करीब 40 फीसदी काम जिले में ही बचा हुआ है। ऐसे लोग जो जिले से बाहर हैं वहां भी दिक्कत आ रही है।
Published on:
23 Nov 2025 01:20 pm
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