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बिहार से सबक लेकर बदला सिस्टम, अब आसान होगी बस्तर में मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया

CG SIR Process: 4 नवंबर से छत्तीसगढ़ समेत 12 राज्यों में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू हो गया है। बस्तर में बीएलओ डोर टू डोर एन्यूमेरेशन फॉर्म भरवा रहे हैं।

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मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (photo source- Patrika)

मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (photo source- Patrika)

CG SIR Process: बिहार चुनाव से पहले हुए स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआईआर) को लेकर खूब सियासत हुई। एसआईआर की प्रक्रिया को चुनौती दी गई। अब इस प्रक्रिया को छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों में कल से यानी 4 नवंबर से शुरू किया जा रहा है। पहले चरण में बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से एन्यूमेरेशन फॉर्म भरवाएंगे।

CG SIR Process: डोर टू डोर फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया शुरू

अगर किसी के फार्म से मिलान के बाद दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी तो एक महीने के भीतर उससे आधार कार्ड समेत अन्य 12 दस्तावेजों में से एक दस्तावेज मांगा जाएगा। निर्वाचन आयोग लगातार स्पष्ट कर रहा है और दावा कर रहा है कि छत्तीसगढ़ के लोगों को इस प्रक्रिया से कोई दिक्कत नहीं होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्र हरिस एस ने भी कहा है कि जिले में 5 से 6 प्रतिशत लोगों को ही दस्तावेज देने की जरूरत होगी।

दरअसल चुनाव आयोग ने बिहार से सबक लेते हुए एसआईआर की प्रक्रिया को सरल बनाया है। ऐसे लोग जिनके नाम दो जगहों की मतदाता सूची में होंगे, उनके नाम कटेंगे। वहीं मृत लोगों के नाम काटे जाएंगे। इस बीच विपक्षी राजनीतिक दल भी मुस्तैद हैं। बीएलओ और राजनीतिक दलों ने पूरी प्रक्रिया को समझ लिया है। अब समूचे बस्तर संभाग में 4 नवंबर से डोर टू डोर फॉर्म भरवाने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

मिलान के बाद 5 से 6 प्रतिशत से ही मांगेंगे दस्तावेज

CG SIR Process: जिले की मतदाता सूची में लगभग 50 प्रतिशत तक महिलाएं हैं। वर्ष 2003 के एसआईआर के बाद विवाहित महिलाएं अपने तत्कालीन मतदान केंद्र से अन्यत्र स्थानांतरित हुई हैं। बीएलओ द्वारा घर-घर एन्यूमरेशन फेज में 15 से 20 प्रतिशत और महिला मतदाताओं का मिलान किया जा सकेगा।

इस प्रकार मिलान का कुल प्रतिशत 71 प्रतिशत से बढ़कर 94-95 प्रतिशत हो जाएगा और केवल शेष बचे मतदाताओं से ही दस्तावेज लेने की आवश्यकता होगी। आयोग द्वारा एसआईआर के दौरान मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। असुविधा होने पर 1950 पर कॉल करने कहा गया है।

छत्तीसगढ़ की कटऑफ डेट 2003, अब इसी के अनुसार प्रक्रिया

छत्तीसगढ़ में आखिरी बार साल 2003 में एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हुई थी। 22 साल के बाद अब उसी कटऑफ डेट के आधार पर पूरी प्रक्रिया को २२ साल बाद आगे बढ़ाने की तैयारी है। अपनी पिछली एसआईआर के बाद छत्तीसगढ़ समेत समूचे बस्तर की मतदाता सूचियां अपनी वेबसाइटों पर आयोग ने डाल दी है।

छत्तीसगढ़ में अंतिम एसआईआर उसी तरह से कट-ऑफ तिथि के रूप में काम करेगी जैसे बिहार की वर्ष 2003 की मतदाता सूची का उपयोग चुनाव आयोग ने गहन पुनरीक्षण के लिए किया था। छत्तीसगढ़ ने एसआईआर शुरू होने से पहले ही अपने मौजूदा मतदाताओं की मैपिंग का काम पूरा कर लिया है।

बिहार से अलग क्यों यह प्रक्रिया यह भी जानें

CG SIR Process: इस बार बिहार से सीख लेते हुए आधार कार्ड को दस्तावेजों की सूची में जोड़ दिया गया है। साथ ही एक क्यूआर स्कैन करने का ऑप्शन भी दिया गया है। बिहार से यह एसआईटार इसलिए अलग होगा, क्योंकि अब बिहार वाली समस्या नए राज्यों में नहीं होगी। इस बीच जिला स्तर पर और राज्य स्तर से लगातार अपील की जा रही है कि बीएलओ के समक्ष मतदाता एक ही जगह से और एक ही एन्यूमेरेशन फॉर्म भरें।

आयोग की वेबसाइट पर देख सकते हैं अपना नाम

चुनाव आयोग के मुताबिक़ करीब 60 से 70 प्रतिशत लोगों का नाम पुरानी और नई मतदाता सूची के मैपिंग के समय पहचान कर ली गई है। मतदाता ख़ुद भी अपना नाम चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकता है। अब कागज सिर्फ उन्हीं लोगों को देना होगा, जिनका नाम और उनके माता-पिता का नाम नए और पुराने मतदाता सूची में नहीं है। ऐसे लोगों को कागज देकर अपना नाम शामिल करवाना होगा।