खाद्य सुरक्षा योजना में 2.5 लाख आवेदन लौटाए, पत्रिका फोटो
Food Security Scheme: खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अपात्रों के नाम हटा कर नए नाम जोड़ने की कवायद खाद्य विभाग कर रहा है, लेकिन जरूरतमंदों के नाम योजना में जुड़ना इतना आसान नहीं दिख रहा है। क्योंकि सभी चार स्तरों पर लंबित आवेदनों की भरमार है और इनका निस्तारण आगामी छह माह तक होता नहीं दिख रहा है। हाल ये है कि 11 लाख आवेदनों में से 7.25 आवेदन ही नाम जोड़ने के लिए क्लीयर किए गए हैं। वहीं 2.5 लाख आवेदन कोई न कोई कमी बता कर लौटा दिए गए हैं। विभाग की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार 96 हजार आवेदन योजना में नाम जोडने की प्रक्रिया के अलग-अलग स्तरों पर पेंडिंग हैं। सबसे ज्यादा 55 हजार आवेदन जिला स्तर पर बनी कमेटी के समक्ष लंबित हैं। वहीं 24 हजार से ज्यादा आवेदन बीडीओ व 14 हजार आवेदन उपखंड अधिकारी के स्तर पर बनी कमेटी के समक्ष लंबित हैं। खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने गिव अप अभियान की अवधि को 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया है।
आवेदन लौटाने के मामले में जयपुर जिला सबसे ऊपर है। जिले में नाम जोडने के 16 हजार आवेदन लौटाए गए हैं। वहीं सबसे कम 1280 आवेदन सलूंबर जिले में लौटाए गए हैं। वहीं किसी जिले में तीन तो किसी जिले में 6 हजार तक आवेदन लौटाए गए हैं। अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अभी तक 37 लाख अपात्रों के नाम योजना से हटाए जा चुके हैं और 65 लाख नाम जोड़ चुके हैं। 11 लाख आवेदन नाम जोड़ने के मिले हैं।
खाद्य विभाग के सूत्रों के अनुसार नाम जोडने के ढाई लाख आवेदन लौटाने पर सवाल भी उठने लगे हैं। क्योंकि बीते सालों में इतने आवेदन कभी भी वापस नहीं लौटाए गए। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक बार आवेदन लौटाने के बाद फिर से इसे प्रक्रिया में लाना काफी मुश्किल होता है और इसमें तीन महीने का समय लगता है।
खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने गिव अप अभियान की अवधि को 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया है। इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल अपात्र व्यक्तियों को अंतिम मौका दिया गया है कि वे स्वयं अपनी जानकारी हटवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। 31 अक्टूबर 2025 के बाद खाद्य सुरक्षा सूची में बने रहने वाले अपात्र व्यक्तियों के खिलाफ विभाग की ओर से जुर्माना, दण्ड या अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जुर्माने की गणना 27 रुपए प्रति किलोग्राम के अनुसार की जाएगी और नाम हटाने तक की अवधि का ब्याज भी शामिल होगा।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और उचित मूल्य दुकानदारों के माध्यम से अपात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा सूची से अपना नाम हटवाने के लिए प्रेरित करें। गौरतलब है कि 17 अक्टूबर तक गिव अप अभियान के तहत जिला जयपुर में 2,68,889 व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा सूची से हटा दिया गया है। वर्तमान में 3,726 अपात्र व्यक्तियों को सूची से अपना नाम स्वेच्छा से हटवाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
Updated on:
18 Oct 2025 01:37 pm
Published on:
18 Oct 2025 10:32 am
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