
द्रव्यवती नदी में गिर रहा जहरीला पानी, फोटो दिनेश डाबी
Dravyavati River is Sabarmati of Jaipur: सपना तो देखा था कि जयपुर की द्रव्यवती नदी को साबरमती बनाएंगे। जबकि हकीकत यह है कि द्रव्यवती नदी अब भी गाद, गंदे नालों और अधूरे कामों के बीच कराह रही है। जिस परियोजना पर 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके, वह आज बदबू, सूखे बहाव क्षेत्र और अधूरी जिम्मेदारियों का प्रतीक बन चुकी है। जहां पानी बहना था वहां सिल्ट और कचरे की मोटी परतें जमी हैं। जेडीए सफाई के नाम पर खानापूर्ति करता नजर आ रहा है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो सांगानेर में औद्योगिक क्षेत्र का पानी सीधे नदी में गिर रहा है। इसको रोकने के लिए सात वर्ष का समय कम पड़ गया है।
पूर्व जेडीसी शिखर अग्रवाल के समय में नदी का काम शुरू हुआ। उनके बाद वैभव गालरिया, टी रविकांत, गौरव गोयल, रवि जैन, जोगाराम और मंजू राजपाल आयुक्त रहे। अभी आनंदी जेडीसी के रूप में काम कर रही हैं। सभी ने अपने-अपने कार्यकाल में कुछ काम करवाए, लेकिन नदी के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नहीं आया। यही वजह रही कि वर्ष 2018 में एक हिस्से के उद्घाटन के बाद मानसरोवर से सांगानेर की तरफ और सुशीलपुरा से हसनपुरा और विद्याधर नगर की ओर काम कछुआ गति से चलता रहा।
सांगानेर औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों से निकलने वाला रंगाई-छपाई का केमिकल युक्त पानी अब भी सीधे नदी में जा रहा है। सांगानेर में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट चालू होने के बाद भी द्रव्यवती नदी में केमिकल युक्त पानी जा रहा है। इससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। सभी इकाइयों को 30 जून तक जोड़ना था, लेकिन अब सभी इकाइयां सीईटीपी से नहीं जुड़ पाई हैं। छह वर्ष बाद सीईटीपी को जून में शुरू किया गया। इससे पहले राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल व जेडीए ने करीब 11 करोड़ रुपए में क्षेत्र में ट्रंक लाइन डाली। इस सीईटीपी से रंगाई-छपाई की 892 इकाइयों को जोड़ना है, लेकिन करीब 600 इकाइयां ही सीईटीपी से जुड़ पाई हैं।
●नदी को बहाव क्यों नहीं मिल सका?
●केमिकल युक्त पानी रोकने की जिम्मेदारी किसकी थी?
●ट्रीटेड पानी छोड़ने का दावा हकीकत में क्यों नहीं दिखता?
नदी किनारे लगी पांच एसटीपी की क्षमता 170 एमएलडी प्रतिदिन की है। इसके अलावा देहलावास में निगम का 205 एमएलडी सीवेज ट्रीट हो रहा है। इसके बाद भी नदी में पानी नहीं बह रहा। जेडीए के दावों पर यकीन करें तो प्रतिदिन नदी में ट्रीट होकर तीन करोड़ 75 लाख लीटर पानी आ रहा है। हालांकि, जब नदी को जाकर देखते हैं तो गंदा पानी और खाली सतह नजर आती है।
Published on:
28 Oct 2025 10:04 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

